जीवन में सही दिशा जीवन को प्रेरणादाई बनाकर अनमोल साबित करें- संगीतमती माताजी

आज दिनांक 15 मई 2024 – दिगंबर जैन आचार्य सुनील सागर जी महाराज की परम प्रभावीका संगीतमती माताजी व संपूर्णमति माताजी ने महिला बंदी सुधार गृह में पहंुचकर 35 से अधिक महिलाओं को जीवन जीने का तरीका सिखाया।
यह जानकारी देते हुए प्रकाष जैन ने बताया कि इस अवसर पर संगीतमती माताजी ने महिला बंदी सुधार ग्रह में महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा की महिला सांसारिक जीवन में ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना है जिसे अपने साथ-साथ अपने आसपास को भी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदारियां के साथ निभाना होता है। कई बार अनजाने में या पूर्व जन्म के कर्मों के कारण कुछ ऐसी गलती हो जाती है जिसकी वजह से हमें ईश्वर सुधार गृह में रहकर जीवन को परिवर्तित करने का अवसर प्रदान करता है। यहां आप लोग अपने परिवार से जरूर दूर है मगर यहां अपने अच्छे व्यवहार से इसे ही अपना परिवार समझ कर अपने जीवन को व्यवस्थित करना चाहिये।
इसी क्रम में संपूर्णमति माताजी ने कहा कि इंसान को हमेशा बुरी संगति से दूर रहना चाहिए। कई बार पाप करने वाला बच जाता है और सामान्य व्यक्ति फंस जाता है यह कर्मों का खेल है जितना भी समय आपको यहां पर मिला है अच्छी भावनाओं के साथ प्रभु भक्ति करे। यहां पर आपको जो विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण जिला प्रशासन के द्वारा सिखाए जाते हैं उसका आप लोग भरपूर आनंद ले और अपने जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण से जिए। जो हो गया उसे भूलने का प्रयास करें और बाकी जीवन में अच्छा करने का संकल्प लें। उक्त दोनो माताजी ने जेल प्रशासन के द्वारा चलाए गए विभिन्न प्रकार की प्रकल्पों का भी अवलोकन किया। बंदी गृह में रह रही महिलाओं के जीवन के लिए भजन की प्रस्तुति के द्वारा मंगल कामना की।
इस अवसर पर माताजी के साथ श्रीमती मधु जैन, श्रीमती सेठी, कुसुम जैन, सुमन दोषी, साथ रहे। अधीक्षक अनंतकेश्वर व उनके सहयोगियों के द्वारा तथा कार्यक्रम के संयोजक दिगंबर जैन महासमिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रकाश जैन के द्वारा कारागृह के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया गया।
भवदीय
(प्रकाष जैन)
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
9829332777

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