एसीबी ने अब तक का सबसे बड़ा रिश्वत कांड पकड़ा

udaipurराजस्थान के उदयपुर में एसीबी ने अब तक का सबसे बड़ा रिश्वत कांड पकड़ा है। खान विभाग का एडीशनल डायरेक्टर माइनिंग बुधवार को यहां ढाई करोड़ की रिश्वत लेते पकड़ा गया। एसीबी ने उनके साथ दो और बिचौलियों को पकड़ा है। इनके घरों से नोटों से भरे बैग मिले हैं, जिनके बारे में तीनों से पूछताछ की जा रही है। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

एसीबी के डायरेक्टर जनरल नवदीप सिंह और आईजी एंटी करप्शन दिनेश एमएन की मॉनिटरिंग में की गई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में उदयपुर स्थित खान विभाग के दफ्तर से ही विभाग के एडीशनल डायरेक्टर माइनिंग पंकज गहलोत को ढाई करोड़ की रिश्वत लेते पकड़ा है। इस कार्रवाई के दौरान दो अलग-अलग स्थानों से बिचौलिये माइनिंग कंसल्टेंट संजय सेठी और श्याम सुंदर सिंघवी को भी धर दबोचा है। मामला इतना बड़ा है कि एसीबी की 10 बड़ी टीमें इसे पूरा करने में जुटी हैं।

20 करोड़ लेने थे रिश्वत में
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खान विभाग का अफसर पंकज गहलोत लगातार खानों का आवंटन कर रहा था। इसी दौरान सूचनाएं आ रही थीं कि वह मोटी रकम रिश्वत में ले रहा है। एक व्यक्ति से खान आवंटन के बदले उसने 20 करोड़ रुपए की राशि रिश्वत के रूप में मांग की थी। इसके बदले बुधवार को 2.5 करोड़ रुपए की रिश्वत की राशि पहली किश्त के रूप में देनी थी। इसी रिश्वत की राशि के साथ माइनिंग के इस अफसर को एसीबी की टीम ने धर दबोचा। उसे शास्त्री नगर उदयपुर स्थित उसके दफ्तर से ही पकड़ा गया।

संदिग्ध था, इसलिए काफी दिन से पीछे पड़ी थी एसीबी
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खान विभाग में अफसर पंकज गहलोत के मामले को लेकर एसीबी के पास काफी समय से सूचनाएं आ रही थीं। इन्हीं सूचनाओं के आधार पर गहलोत का एसीबी पीछा कर रही थी। मौका आते ही बुधवार को उसे पकड़ लिया। अब एसीबी उनके घरों समेत सभी ठिकानों पर जांच कर रही है। भीलवाड़ा के खान विभाग के दफ्तरों पर भी कार्रवाई चल रही है।

बार-बार टाल रहा था खान माफियाओं के खिलाफ अभियान
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असल में सरकार समय-समय पर खनन माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाती रहती है। इस बार पहली बार ऐसा हुआ जबकि एक साल से ज्यादा हो गया ऐसे अभियान को। बताया जा रहा है कि पंकज गहलोत के कहने पर ही बार-बार अभियान की तय तारीखें आगे खिसकाई गईं हैं। जब भी कोई तारीख तय होती, पंकज गहलोत कहते कि अभी कुछ दिन और रुकना चाहिए। ऐसा कर वह बार-बार तारीखें आगे खिसकाते रहे। ऐसे में वे संदेह के घेरे में आते रहे। खान विभाग के अभियानों के तहत जो लक्ष्य पूर्व में 4 हजार करोड़ रुपए था, वह घटकर केवल 3400 करोड़ रुपए रह गया।

लगातार किया खानों का आवंटन, उच्चाधिकारियों पर भी संदेह
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यह भी बात सामने आ रही है कि पंकज गहलोत ने बहुत ही थोड़े समय में बड़ी संख्या में खानों का आवंटन कर दिया। यह भी तय माना जा रहा है कि लगातार किया जा रहा खानों का आवंटन अकेले पंकज गहलोत के बस में नहीं हो सकता। निश्चित रूप से उच्चाधिकारियों को इसके बारे में जरूर पता होगा। अब सवाल यह है कि एसीबी अपनी कार्रवाई का दायरा कहां तक सीमित रखती है। इस पर निर्भर करेगा कि कौन-कौन इस मामले में और लपेटे में आने वाला है।

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