अनुश्री राठौड़ के राजस्थानी सामाजिक उपन्यास ‘जीवाजूंण रा कापा‘ का विमोचन

jpr1जयपुर / कमला गोइन्का राजस्थानी पुरस्कार समारोह 4 अक्टूबर 2015 को विध्याश्रम स्कूल के महाराणा प्रताप सभाग्रह जयपुर में सम्पन्न हुआ। इस समारोह में संस्था के सहयोग से प्रकाशित एवं किशोर कल्पनाकांत युवा पुरस्कार के अंर्तगत पुरस्कृत उदयपुर की अनुश्री राठौड़ द्वारा लिखित उनके राजस्थानी सामाजिक उपन्यास ‘जीवाजूंण रा कापा‘ का विमोचन किया गया, साथ ही श्रीमती राठौड़ को 5 हजार रुपये नगद राशि प्रदान कर सम्मानित भी किया गया।

विमोचन के बाद अपने वक्तव्य में अनुश्री ने कमला गोइन्का फाऊडेशन के प्रबन्ध न्यासी श्याम सुंदर गोइन्का का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरी ये पुस्तक तो कमला गोइन्का फाऊडेशन के सहयोग से प्रकाशित हो गई, किन्तु हर लेखक की और हर राजस्थानी साहित्य की पुस्तक को कोई प्रकाशन सहयोग मिले यह संभव नहीं है इसलिये हमें राजस्थानी साहित्य का बाजार मजबूत करने के प्रयत्न करने चाहिए, अधिक से अधिक राजस्थानी साहित्य खरीदना चाहिए और इसके अधिक से अधिक पाठक तैयार करने चाहिये, ताकि कोई भी प्रकाशक सहर्ष बेझिक राजस्थानी साहित्य प्रकाशित करने को तैयार रहे।

समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि राजेन्द्र सिंह राठौड़, स्वास्थ्य एवं संसदीय मामलात मंत्री, राजस्थान सरकार के कर कमलों से मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर श्री नंद भारद्वाज की अध्यक्षता में हुआ। संस्था के प्रबन्ध न्यासी श्याम सुंदर गोइन्का ने संस्था का परिचय देते हुए आगंतुक अतिथियों व सम्मानमूर्तियो का स्वागत किया। तत्पश्चात क्रमश: वयोवृद्ध राजस्थानी साहित्यकार श्री सीताराम महर्षि को ‘गोइन्का राजस्थानी साहित्य सम्मान‘, डॉ. भरत ओळा को ‘मातुश्री कमला गोइन्का राजस्थानी साहित्य पुरस्कार‘, श्रीमती कमला ‘कमलेश‘ को ‘राणी लक्ष्मीकुमारी चूण्डावत महिला साहित्यकार पुरस्कार‘, सुर साधक उमराव सालोदिया को ‘राजस्थान अनमोल रत्न‘, वरिश्ठ पत्रकार उदयवीर शर्मा को ‘रावत सारस्वत पत्रकारिता सम्मान‘ और अनुुश्री राठौड़ को ‘किशोर’ कल्पनाकांत युवा पुरस्कार‘ प्रदान करते हुए, पुस्तक ‘जीवाजूंण रा कापा‘ का विमोचन किया गया।

मुख्य अतिथि श्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने अपने वक्तव्य में आयोजक श्याम सुंदर गोइन्का और संस्था की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि ये परिवार राजस्थान से बाहर रहते हुए भी राजस्थानी साहित्य को समर्पित है ये सराहनीय है। अध्यक्ष श्री नंद भारद्वाज ने अपने वक्तव्य में इस तरह के आयोजनो को राजस्थानी भाषा और साहित्य के लिए आवश्यक बताया। सभी सम्मानीत व पुरस्कृत विभूतियों ने श्री श्याम सुदर गोइन्का का आभार व्यक्त करते हुए भाषा व साहित्य को समाज के लिए पथ प्रदर्शक के रूप में माना।
कार्यक्रम के संयोजक श्री अरूण अग्रवाल रहे।

अशोक लोढ़ा

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