दो दिवसीय महिला जनप्रतिनिधि सम्मेलन आरम्भ

asPhoto-2जयपुर – मंगलवार को जयपुर में दो दिवसीय राज्य स्तरीय महिला जनप्रतिनिधि सम्मेलन की शुरूआत की गई।
विश्वव्यापी संगठन द हंगर प्रोजेक्ट के तत्वाधान में आयोजित इस सम्मेलन में 6 जिलों (सिरोही, भीलवाड़ा,
राजसमन्द, उदयपुर, बारां व टोंक) के 10 ब्लाॅक की 255 महिला पंच-सरपंच भाग ले रही हैं उल्लेखनीय हैं कि द हंगर प्रोजेक्ट ने पंचायतीराज चुनाव से पूर्व महिलाओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया। चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाली महिलाओं का क्षमतावर्धन किया और चुनाव के बाद निर्वाचित हुई महिला पंच-सरपंचों का आमुखीकरण किया। उन्होंने बताया कि कार्यशालाओं में महिला पंच-सरपंचों को उनके अधिकारों, उनके कर्तव्यों की जानकारी देने के साथ पंचायतीराज व्यवस्था की जानकारी दी गई।
प्रोजेक्ट की राज्य संयोजक शबनम अजीज ने बताया कि पंचायतीराज चुनाव को एक वर्ष पूरा होने वाला हैं। पंचायतीराज चुनाव में निर्वाचित हुई महिला पंच-सरपंचों द्वारा इस दौरान किए गए ग्राम विकास के कार्यों के अनुभव साझा करने, ग्राम विकास के कामों में आ रही समस्याओं के संदर्भ में परस्पर संवाद करने व विकास कार्यों में आ रही चुनौतियों से कैसे निपटा जाए, इस पर चर्चा के उद्देश्य से यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा हैं।
वहीं प्रोजेक्ट के वीरेन्द्र श्रीमाली ने बताया कि महिला पंच-सरपंचों के सशक्तिमकरण के लिए पूरे 5 साल तक कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि महिला पंच-सरपंचों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों के बारे में जानकारियां देने के साथ-साथ ग्राम विकास में उन्हें आ रही दिक्कतों के समाधान के लिए राज्य सरकार व प्रशासन से पैरवी का काम भी प्रोजेक्ट द्वारा किया जा रहा हैं।
महिला जनप्रतिनिधियों ने साझा किए अनुभव
सम्मेलन में भाग ले रही महिला पंच-सरपंचों ने ग्राम पंचायतों में करवाए गए विकास कार्यों तथा कार्य करने में आ रही समस्याओं के बारे में अपने अनुभव साझा किए।

केस-1
सिरोही जिले के रेवदर ब्लाॅक की रायुपर ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती गीता राव ने बताया कि उसके पति अहमदाबाद में व्यवसाय करते हैं, चुनाव से पहले वह भी अपने पति के साथ अहमदाबाद ही रहती थी। गत चुनाव में ग्राम पंचायत का सरपंच पद महिला आरक्षित था तो उसने चुनाव लड़ने का मानस बना लिया। मन की बात पति से कही तो पति ने चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी और कहा कि हम व्यवसाय करेंगे, चुनाव लड़ना हमारा काम नहीं हैं। चुनाव लड़ने के लिए वह बड़ी मुश्किल पति को मना पाई। चुनाव मंे गीता राव की जीत हुई। श्रीमती गीता राव ने बताया कि शुरू-शुरू में ग्राम पंचायत के काम में उसके पति ने दखल दी लेकिन उसने पति की नहीं चलने दी और सरपंचाई खुद ही संभाली। अच्छे कार्य करवाए तो पति भी खुष हुआ। अब वह उसके नेतृृत्व को उभारने के लिए सहयोग कर रहे हैं।

केस-2
योजना को जाना और करवा दिया समस्या का निदान
सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा ब्लाॅक की भीमाणा ग्राम पंचायत की सरपंच मीरा कुमारी ने सरपंच बनने के बाद वो काम कर दिखाया जो उससे पहले कोई नहीं करवा पाया। भीमाणा के राजस्व गांव सड़कों से नहीं जुड़े थे। इन गांवों में दुपहिया संसाधनों में जाना भी मुश्किल था। राजस्व गांव का दर्जा न मिलने के कारण इन गांवों को सड़कों से नहीं जोड़ा जा सका था। सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर जागरूक हुई मीरा कुमारी ने ग्राम विकास की योजनाओं की जानकारी ली। उसे गुरू गोलवलकर योजना के तहत इन गांवों को सीमेन्ट सड़कों के माध्यम से जोड़ दिया।

केस-3
अंत्येष्टि के लिए की लकड़ी की व्यवस्था
राजसमन्द जिले के रेलमगरा ब्लाॅक की पछमता ग्राम पंचायत की सरपंच प्रतिभा चौधरी ने गांव मंे नवाचार किया हैं। उसने दलितों के श्मशान में अंत्येष्टि के लिए लकड़ी उपलब्ध करवाने का कार्य किया हैं। यूं तो प्रतिभा राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से सरोकार रखती हैं लेकिन वो काम कर दिखाया जो राजनीति में रहे उसके परिवार के बड़े लोग नहीं कर पाए।

निष्ठा, समर्पण व विश्वास से होगा ग्राम विकास – ड़ाॅ ज्योति किरण
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए राज्य वित्त आयोग की अध्यक्षा ड़ाॅ ज्योति किरण ने कहा कि वित्त आयोग बेटी बचाओं अभियान के लिए अलग से राशि जारी कर रहा हैं तथा कंेद्र सरकार से पंचायतों को मिलने वाली राशि अब सीधे ग्राम पंचायतों के खातें में भेजी जाएगी। पेयजल की समस्या के समाधान के बारे में जानकारी देते हुए ड़ाॅ ज्योति किरण ने कहा कि जनता को पेयजल के लिए परेषान नहीं होना पड़े इसके लिए वित्त आयोग द्वारा ग्राम विकास के लिए जारी समस्त राशि की 10 प्रतिशत राशि जल व्यवस्था के लिए सुनिष्चित की गई हैं। उन्होंने महिला पंच-सरपंचों से आव्हान् किया कि वे सरकार की योजनाओं को समझें, अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें और ध्यान रखें कि गांव विकास के लिए भेजा पैसा लीक ना हो जाए, वह भ्रष्टाचार की भेंट ना चढ़ जाए। उन्होंने कहा कि निष्ठा, समर्पण व विश्वास से ग्राम विकास का सपना साकार होगा अन्यथा नहीं।
उद्घाटन सत्र के प्रथम सत्र का समापन चेतना गीत ‘‘बहना चेत सके तो चेत जमानों आयो चेतण रो’’ से किया गया। यह गीत महिला पंच-सरपंचों ने गाया, जिस पर महिला पंच-सरपंचों ने नाचकर अभिव्यक्ति की। इस दौरान राज्य वित्त आयोग की अध्यक्षा श्रीमती ज्योति किरण भी महिला जनप्रतिनिधियों के बीच मौजूद रही। सम्मेलन को सरपंच श्रीमती गीता राव, सरपंच श्रीमती मीरा कुमारी, सरपंच श्रीमती धन्ना कुंवर ने भी सम्बोधित किया।

error: Content is protected !!