चयनित वेतनमान एवं वरिष्ठ चयनित वेतनमान का लाभ देते हुये अन्तिम वेतन के आधार पर ग्रेच्यूटी की राशि एवं सेवानिवृति की दिनांक को बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण की राशि का भुगतान बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान के आदेश
(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर का मामला)
जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, राजस्थान महिला परिषद, उदयपुर (राज.) को आदेश दिया कि वे प्रार्थीया को राज्य सरकार के आदेश दिनांक 25.01.1992 के अनुसार चयनित वेतनमान का लाभ, राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 1998 के अनुसार वरिष्ठ तथा चयनित वेतनमान का लाभ, अन्तिम वेतन के आधार पर उपदान की राशि एवं प्रार्थीया के अवकाश खाते में सेवानिवृŸि की दिनांक को बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण की राशि का भुगतान बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करे। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीया सलमा बानू की नियुक्ति दिनांक 01.11.1966 को सहायक अध्यापक के पद पर अप्रार्थी संस्था में हुई थी। जो चयन समिति द्वारा सम्पूर्ण प्रक्रिया अपनायी जाकर हुई थी। प्रार्थीया की अप्रार्थी संस्था से सेवानिवृŸि दिनांक 31.10.2002 को हुई थी परन्तु अप्रार्थी संस्था द्वारा प्रार्थीया को चयनित वेतनमान, वरिष्ठ चयनित वेतनमान एवं उपदान की राशि तथा उपार्जित अवकाश के नकदीकरण की राशि का भुगतान नहीं किया गया। सेवानिवृति पश्चात् एवं संस्था में कार्यरत रहते हुये प्रार्थीया द्वारा उक्त लाभ देने हेतु बार-2 निवेदन किया गया परन्तु अप्रार्थी संस्था ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। तत्पश्चात् प्रार्थीया ने जरिये अधिवक्ता डी. पी. शर्मा के माध्यम से प्रार्थना पत्रा प्रस्तुत कर उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से दिलाने के लिए माननीय अधिकरण से निवेदन किया। प्रार्थी के अधिवक्ता डी.पी.शर्मा का तर्क था कि प्रार्थीगण की नियुक्ति अनुदानित पद के विरूद्ध हुई है तथा अप्रार्थी संस्था राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होते हुए 90 प्रतिशत से अधिक अनुदान प्राप्त करती है इसलिये अप्रार्थी संस्था पर राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 और नियम, 1993 के प्रावधान लागू होते है और उक्त प्रावधानों के अनुसार प्रार्थीया उपरोक्त समस्त लाभ अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने के अधिकारिणी है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त सभी लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।