बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान के आदेश

पॉंचवे एवं छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन स्थिरीकरण कर अन्तर राशि का भुगतान, वरिष्ठ एवं चयनित वेतनमान का लाभ, उपदान की राशि एवं बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण का लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान के आदेश
(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर का मामला)

jaipur samacharजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, आर्य कन्या विद्यालय समिति, अलवर (राज.) को आदेश दिया कि वे प्रार्थीगण हरिराम गुप्ता, गंगा सहाय वर्मा एवं बाबूलाल को चयनित वेतनमान का लाभ, राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 2008 के अनुसार वेतन स्थिरीकरण के उपरान्त वेतन की अन्तर राशि का नकद भुगतान करेगें एवं तत्पश्चात् अन्तिम वेतन के आधार पर उपदान की राशि का भुगतान करेगें तथा प्रार्थीगण के खाते में सेवानिवृŸि के समय बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण का लाभ भी देगें तथा अप्रार्थी संस्था उक्त सम्पूर्ण बकाया राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज भी प्रार्थीगण को अदा करेगी। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीगण हरिराम गुप्ता की नियुक्ति दिनांक 20.11.1986 को कनिष्ठ लिपिक के पद पर एवं गंगा सहाय वर्मा की नियुक्ति दिनांक 22.08.1986 को एवं बाबूलाल की नियुक्ति दिनांक 21.10.1986 को अप्रार्थी संस्था में चतुर्थ श्रैणी कर्मचारी के पद पर हुई थी जो चयन समिति द्वारा सम्पूर्ण प्रक्रिया अपनायी जाकर हुई थी। प्रार्थीगण का राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम, 2010 के अन्तर्गत राज्य सेवा में समायोजन हो गया जिसकी अनुपालना में अप्रार्थी संस्था द्वारा प्रार्थीगण को दिनांक 30.06.2011 को कार्य सेवा से कार्यमुक्त कर दिया गया। अप्रार्थी संस्था राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होते हुए 90 प्रतिशत से अधिक अनुदान प्राप्त करती है। समायोजन के पश्चात् प्रार्थीगण द्वारा उक्त लाभ देने हेतु बार-2 निवेदन किया गया परन्तु अप्रार्थी संस्था ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। तत्पश्चात् प्रार्थीगणों ने परेशान होकर जरिये अधिवक्ता डी. पी. शर्मा के माध्यम से प्रार्थना पत्रा प्रस्तुत कर उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से दिलाने के लिए माननीय अधिकरण से निवेदन किया। प्रार्थी के अधिवक्ता डी.पी.शर्मा का तर्क था कि प्रार्थीगणों की नियुक्ति अनुदानित पद के विरूद्ध हुई है तथा अप्रार्थी संस्था राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होते हुए 90 प्रतिशत से अधिक अनुदान प्राप्त करती है इसलिये अप्रार्थी संस्था पर राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 और नियम, 1993 के प्रावधान लागू होते है और उक्त नियमों एवं प्रावधानों के अनुसार प्रार्थीगण उपरोक्त समस्त लाभ अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने के अधिकारी है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त सभी लाभ बकाया होने की दिनांक से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।

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