मंहगाई भत्ते के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता

राज्य सरकार को दिये गये शपथ पत्रा के आधार पर अनुदानित संस्थाओं के कर्मचारियों को चयनित वेतनमान, पुनरीक्षित वेतनमान, छठा वेतन आयोग का लाभ, उपार्जित अवकाश के बदले वेतन, समय-2 पर बढ़ने वाले मंहगाई भत्ते के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता
(राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर का फैसला)

Rajasthan High Court Jaipur Bench 450जयपुर, राज्य सरकार को दिये गये शपथ पत्रा के आधार पर अनुदानित संस्थाओं के कर्मचारियों को चयनित वेतनमान, पुनरीक्षित वेतनमान, छठा वेतन आयोग का लाभ, उपार्जित अवकाश के बदले वेतन, समय-2 पर बढ़ने वाले मंहगाई भत्ते के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता। यह व्यवस्था राजस्थान उच्च न्यायलय के एकलपीठ के न्यायधीश एम.एन.भण्डारी ने प्रबन्ध समिति, सुरजीत बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय, भरतपुर की रिट याचिका खारिज करते हुये दी। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीया स्नेहलता गर्ग ने अपने अधिवक्ता डी.पी.शर्मा के माध्यम से एक प्रार्थना-पत्रा उक्त लाभ प्राप्ति हेतु प्रस्तुत किया तथा राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक अधिकरण ने उक्त कर्मचारी के पक्ष में फैसला देते हुये सभी लाभ देने के आदेश पारित किये जिसे संस्था के द्वारा उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका दायर कर निवेदन किया कि प्रार्थीया ने राज्य सरकार में समायोजन के समय इस आशय का दिया कि प्रार्थीया उक्त लाभ प्राप्त नहीं करगी। अतः प्रार्थीया यह लाभ प्राप्त करने की अधिकारिणी नहीं है। इसके जवाब में कर्मचारी के अधिवक्ता डी.पी.शर्मा का तर्क था कि प्रार्थीया ने जो शपथ-पत्रा दिया वह राज्य सरकार को दिया है। चूंकि अप्रार्थी संस्था प्रार्थीया के सेवा में रहने की दिनांक तक अनुदानित संस्था की कर्मचारी नहीं है, ऐसी स्थिति में प्रार्थीया राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 की धारा 29 व नियम 1993 की धारा 34 के अनुसार चयनित वेतनमान, उपार्जित अवकाश के बदले वेतन, छठे वेतन आयोग का लाभ प्राप्त करने की अधिकारिणी है। अतः राज्य सरकार को दिये गये शपथ पत्रा के आधार पर कर्मचारी को उक्त लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता। मामले की सुनवाई के पश्चात् कोर्ट ने संस्था की रिट याचिका को खारिज कर उक्त आदेश प्रदान किये।

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