गोपालगढ़ कांड की बरसी पर राजनीति तेज

राजस्थान ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे पड़ौसी राज्यों की राजनीति में तूफान लाने वाले गोपालगढ़ कांड की बरसी 14 सितंबर निकट आते ही एक बार फिर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई है। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार और कांग्रेस पार्टी के लिए जहां गोपालगढ़ काण्ड मुसीबत बना हुआ हैं। वहीं भाजपा एवं समाजवादी पार्टी जैसे दल इस काण्ड को फिर हवा देकर राजनीतिक फायदा उठाने में जुटे है। राजस्थान में कानून व्यवस्था बिगड़ने एवं मेव समाज के नाराज होने को लेकर चिंतित कांग्रेस पार्टी को उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भी इसकी वजह से नुकसान उठाना पड़ा था। राजस्थान से सटे उत्तरप्रदेश की कई मेव एवं गुर्जर बाहुल्य विस. सीटों पर कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ था। गोपालगढ़ काण्ड की गंभीरता एवं अपने परम्परागत वोट बैंक मेव समुदाय की नाराजगी को कम करने के लिए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने क्षेत्र का दौरा भी किया था, लेकिन मेव समुदाय की नाराजगी कम नहीं हुई और उप्र. विधानसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिला।

इस मामले में प्रशासनिक ढि़लाई के लिए राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति नाराजगी जताई थी। गहलोत विरोधी गुट उन्हें अल्पसंख्यक विरोधी बताते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग भी लम्बे समय से कर रहा है। मेव वोट बैंक को देखते हुए पार्टी आलाकमान की नाराजगी बरकरार है। इस मामले को लेकर मेव ही नहीं बल्कि पूरे अल्पसंख्यक समुदाय की मुख्यमंत्री के प्रति नाराजगी इस कदर बरकरार है कि पिछले दिनों उन्हें अपनी अजमेर यात्रा स्थगित करनी पड़ी। ख्वाजा की नगरी अजमेर में मुख्यमंत्री के खिलाफ पोस्टर लगाए गए थे। इस घटना के बाद से मुख्यमंत्री तो एक बार भी भरतपुर जिले के दौरे पर नहीं जा सकें। गौरतलब है कि पिछले साल 14 सितंबर को भरतपुर जिले के गोपालगढ़ में विवादित पोखर को लेकर दो समुदायों के हुए खूनी संघर्ष में 14 लोग मारे गए थे। अब एक वर्ष हो जाने पर मृतकों की याद में मेव समुदाय द्वारा श्रृद्धांजली सभा एवं हिन्दू समाज द्वारा शांति मार्च निकालने की घोषणा की है। मेव समाज की श्रृद्धांजली सभा में राजस्थान के अलावा हरियाणा एवं उत्तरप्रदेश के मेव समुदाय के लोगों को भी एकत्रित करने की योजना है। वहीं भाजपा भी इस प्रकरण का राजनीतिक लाभ लेने के लिए शांति मार्च निकालने की तैयारी कर रही है।

सपा के स्थानीय नेता भी कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे है। अगले साल होने वाले राजस्थान विस. चुनाव को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री को हर हाल में शांति कायम रखने के लिए कहा है। प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक ने क्षेत्र के दोनों समुदायों के कांग्रेसी नेताओं को दिल्ली बुलाकर चर्चा की है। शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पूरे जिले में धारा 144 लगाने के साथ ही भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है। बुधवार से अ‌र्द्धसैनिक बल तैनात होगा। प्रशासन ने लाइसेंसी हथियार पुलिस थानों में जमा कराने, अवैध डीजल एवं पैट्रोल नहीं रखने के निर्देश जारी किए है। प्रशासन थाना स्तर पर शांति समितियों की बैठक आयोजित कर रहा है। खुफिया एजेंसियों ने बरसी के मौके पर हिंसा की आशंका जताई है। प्रदेश के गृह राज्यमंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल का कहना है कि क्षेत्र में शांति रहे इसके पूरे प्रयास किए जा रहे है। सरकार सभी तरह के प्रयास कर रही है। इधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि कांग्रेसी नेताओं के कारण ही हिंसा हुई थी,अब भाजपा शांति मार्च निकालकर सद्भावना का संदेश देना चाहती है।

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