…तो अन्ना समर्थक अब पत्रकार भी हो गए

सुना है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक महिला ने जमकर हंगामा किया। अन्ना हजारे की समर्थक होने का दावा करने वाली यह महिला सिंधिया से सवाल पूछना चाहती थी, लेकिन उसे प्रेस कॉफ्रेंस हॉल से बाहर कर दिया गया। इस घटना के बाद इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्यों और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच भिड़ंत हो गई।
कानाफूसी है कि जब वह महिला पत्रकार नहीं थी तो वहां घुस कैसे गई? उसे सवाल पूछने का अधिकार किसने दे दिया? क्या अन्ना समर्थक होने के कारण किसी को भी कहीं भी घुसने का लाइसेंस मिल गया है? क्या देशभक्ति की दुहाई दे कर कोई किसी भी की व्यवस्था को भंग करने का अधिकार रखता है? अगर उसे बाहर कर दिया गया तो कुछ भी गलत नहीं है। उसके बाद अगर हंगामा व मारपीट हुई है तो स्पष्ट है कि अन्ना समर्थकों ने टकराव मोल लिया होगा। उन्होंने उस महिला की पैरवी की होगी। ऐसे में अन्ना समर्थकों को निरीह और कांग्रेसियों को गुंडा करार देना कैसे उचित ठहराया जा सकता है।

1 thought on “…तो अन्ना समर्थक अब पत्रकार भी हो गए”

  1. waaah ji waaah
    jab ek charkha chalane wala raajneta or mahatma ban skte hai to anna samarthak patrkaar kyu nahi….

    or rahi baat uss mahila ki to anna samarthak aam janta hi hai or jab ek aam janta ko apne janpritinidhi se milne ki fursat na hokar press confress karne ki fursat ho to janta ko bhi ye hi ek rasta dikha raha hai ki inki press confress me hi inse sawal jawab kya jaye….

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