राजस्व षिविरों में मिली राहत

राजस्व षिविरों में मिली राहतफ़िरोज़ खान बारां, राजस्थान 13 मई। जिले में राजस्व लोक अदालत षिविरों के माध्यम से आमजन को राहत प्रदान करने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को जिले के सभी आठों उपखंडों पर राजस्व षिविरों का आयोजन किया गया। जिला कलक्टर डॉ. एस.पी. सिंह ने बारां उपखंड के खैराली षिविर का अवलोकन किया। वहीं किषनगंज के असनावर षिविर में क्षेत्रीय विधायक ललित मीणा उपस्थित रहे।
बारां के खैराली में आयोजित राजस्व षिविर में एसडीएम कोर्ट में खातेदारी के 6, विभाजन का 1 व इजराय का 1 प्रकरण निस्तारित किया गया। तहसीलदार कोर्ट में नामांतरण के 35, खाता दुरूस्तीकरण के 62, सीमाज्ञान आवेदन के 2 व 8 अन्य प्रकरण प्राप्त हुए।
छीपाबड़ौद के सारथल में आयोजित राजस्व षिविर में एसडीएम कोर्ट में खाता दुरूस्तीकरण के 19 व अन्य 2 प्रकरण निस्तारित किए गए। तहसील कोर्ट में नामांतरण के 33 खाता विभाजन के 7 व राजस्व नकल के 50 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
अटरू के कटावर में आयोजित षिविर में एसडीएम कोर्ट में खाता दुरूस्ती के 16, खातेदारी घोषणा का 1, गैरखातेदारी से खातेदारी के 7 प्रकरण निस्तारित किए गए। तहसीलदार कोर्ट में नामांतरण के 73, खाता दुरूस्ती के 16, खाता विभाजन के 23, सीमाज्ञान के 3, गैरखातेदारी से खातेदारी के 7, राजस्व नकल के 28, हकत्याग का 1 व अन्य 11 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
शाहबाद के कस्बानोनेरा में खाता दुरूस्ती के 44, खातेदारी घोषणा का 1 व अन्य 1 प्रकरण का निस्तारण किया गया।

सोमवार को यहां लेगेंगे षिविर
न्याय आपके द्वार अभियान के तहत सोमवार को बारां के सुन्दलक, अंता के सोरसन, अटरू के कवाई, छबड़ा के कडैयाहाट, किषनगंज के बिलासगढ़ में राजस्व षिविरों का आयोजन किया जाएगा।

बहनो ने भाई के लिए किया हकत्याग
बारां, 13 मई। छीपाबड़ौद के सारथल में आयोजित राजस्व लोक अदालत षिविर में आज भाई-बहनों के बीच स्नेह का नजारा देखने को मिला। बहनों ने भाई के हक में पुष्तैनी जमीन का हकत्याग कर खातेदारी भाई के नाम कराई और राजस्व षिविर इसका माध्यम बना।
षिविर प्रभारी एसडीएम हीरालाल वर्मा ने बताया कि रामदयाल, गीता बाई, मोहनी बाई, व कजोड़ी बाई के खाते की 5 बीघा 15 बीस्वा जमीन थी जिसमें मौके पर 3 बीघा 15 बीस्वा रामदयाल के एवं 2 बीघा मोहनी बाई के कब्जे में थी। षिविर में समझाइष के माध्यम से दो बहनों का भाई के पक्ष के हकत्याग करवाकर आपसी सहमति से विभाजन करवाया गया। इस प्रकार वर्षों पुराने विवाद का अंत होने से सभी भाई-बहन प्रसन्न हुए।

error: Content is protected !!