भागवत कथा की पूर्णाहुति व प्रसाद वितरण में उमडे़ श्रद्धालू

-श्रीकृश्ण-सुदामा के प्रसंग का किया वर्णन

पूर्णाहुति के दौरान मौजूद संत
पूर्णाहुति के दौरान मौजूद संत
कथा में सुदामा के चरण धोते श्रीकृश्ण।
कथा में सुदामा के चरण धोते श्रीकृश्ण।
फ़िरोज़ खान बारां, ( राजस्थान ) । 14 जून। समीपवर्ती ग्राम पाठेड़ा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा की पूर्णाहुति मंगलवार को हवन यज्ञ के साथ हुई। इस दौरान प्रसाद का वितरण किया गया। जिसमें ग्रामवासियांे सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की षाम तक तांता लगा रहा। आयोजन समिति के सदस्य भीमराज चैधरी व मानसिंह चैधरी ने बताया कि कथा वाचक आदित्य कृश्ण महाराज ने कथा के अंतिम प्रसंग में श्रीकृश्ण-सुदामा की मित्रता का रोचक वर्णन किया। जिसमें उन्होंने कहा कि ऐसी मित्रता दुर्लभ है। श्रीकृश्ण ने अपने बचपन के सखा सुदामा को राजा बनने के बाद भी नहीं भुलाया। अपने दरबार में ससम्मान बिठाया और सुदामा की दरिद्रता को दो मुट्ठी चावल खाकर हमेषा-हमेषा के लिए दूर कर दिया। मित्रता का ऐसा उदाहरण इतिहास में कहीं नहीं है। इसके बाद कथा की पूर्णाहुति की गई। इस अवसर पर पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया, कांग्रेस जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल, पूर्व मंत्री मदन दिलावर, एसपी डीडी सिंह, एएसपी मनोज चैधरी, सीआई श्रीराम बढेसरा, पूर्व उप प्रधान रामसिंह चैधरी, पूर्व बोहरा घनष्याम चैधरी, प्रयागदास महाराज, किषनदस महाराज, भीमराज चैधरी, भंवर चैधरी नन्दलाल चैधरी, बलराम सुमन, जोधराज सुमन, धन्नालाल चैधरी, केषरीलाल चैधरी, कालूलाल चैधरी, सीताराम वैश्णव, रतनलाल पटेल, रामस्वरूप सुमन, कमलेष चैधरी, राधेष्याम वैश्णव, महेंद्र योगी, पप्पू चैधरी, मांगीलाल चैधरी, तेजराज मीणा, मोनेश सोनी, आदि मौजूद थे। कई श्रद्धालुओं ने गुरू दक्षिणा ली। आयोजन समिति के सदस्यों समेत ग्रामवासियों ने संतों को भंेट देकर आषीर्वाद लिया और उन्हें विदाई दी।

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