ब्याज सहित राशि भुगतान के आदेश

राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 2008 के अनुसार स्थिरीकरण किये जाने के उपरान्त अंतिम वेतन के आधार पर उपदान की राशि तथा कार्यमुक्त होते समय अवकाश खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि एवम् महंगाई भत्ते की बकाया राशि एवम् सम्पूर्ण राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देय ब्याज सहित राशि भुगतान के आदेश

(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण का मामला)

jaipur samacharजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने प्रार्थी का वेतन राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 2008 के अनुसार स्थिरीकरण किये जाने के उपरान्त अंतिम वेतन के आधार पर उपदान की राशि तथा कार्यमुक्त होते समय अपने अवकाश खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि एवम् प्रार्थी ने दिनांक 1-7-2011 तक अप्रार्थी संस्था में कार्य किया है उक्त दिनांक तक राज्य कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ते की राशि का भुगतान अप्रार्थी संस्था द्वारा प्रार्थी को नहीं किया गया है तो माह जनवरी, 2000 से उक्त महंगाई भत्ते की बकाया राशि का भुगतान प्रार्थी को अप्रार्थी संस्था द्वारा किया जाये एवम् सम्पूर्ण राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देय ब्याज सहित राशि भुगतान के आदेश अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, श्री दिगम्बर जैन सीनियर सैकण्डरी स्कूल, बजाज रोड, सीकर (राज0) को दिये। उपरोक्त अनुतोषों के सम्बन्ध में अप्रार्थी संस्था ने यदि कोई भुगतान प्रार्थी को कर दिया हो तो वह समायोजन किये जाने योग्य रहेगा एवम् निदेशक / आयुक्त, सैकण्डरी शिक्षा राजस्थान, बीकानेर (राज0) को अधिकरण ने निर्देश दिया कि वे उपरोक्त निर्णय की पालना अप्रार्थी संस्था से कराया जाना सुनिश्चित करे। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी यथार्थ खींची दिनांक 22-8-1988 को नियमानुसार चयनित कर अध्यापक ग्रेड तृतीय के पद पर अप्रार्थी संस्था में नियुक्त किया गया था। प्रार्थी की नियुक्ति / समायोजन राज0 स्वेच्छया ग्रामीण सेवा नियम, 2010 के तहत राजकीय सेवा में होने पर उसे अप्रार्थी संस्था द्वारा 1-7-2011 को अप्रार्थी संस्था से कार्यमुक्त किया गया। प्रार्थी ने अप्रार्थी संस्था को समय -समय पर अभ्यावेदन देकर उक्त लाभ प्रदान करने हेतु निवेदन किया। लेकिन अप्रार्थी संस्था ने प्रार्थी को उक्त लाभ प्रदान नहीं किये। इससे पीड़ित होकर प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता डी.पी.शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर उक्त लाभ दिलाने का निवेदन किया। प्रार्थी के अधिवक्ता का तर्क था कि अप्रार्थी संस्था राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत होते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त है। यह संस्था राज्य सरकार से 80 प्रतिशत अनुदान की राशि भी प्राप्त करती रही थी इसलिए उस पर राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 व राज0 गैर सरकारी शैक्षिक संस्था (मान्यता, सहायता, अनुदान और सेवा शर्ते आदि) नियम 1993 के प्रावधानों लागू होते है। लेकिन प्रार्थी को अप्रार्थी संस्था द्वारा अधिनियम, 1989 की धारा 16 और नियम , 1993 के नियम, 82 के अनुसार उपदान की राशि तथा अपने अवकाश खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि नहीं दी गई। प्रार्थी भी राज्य कर्मचारियों के समान राजस्थान सिविल सर्विसेज विाईज पे स्केल रूल्स, 2008 के अनुसार वेतन स्थिरीकरण करने के पश्चात् जनवरी, 2000 से महंगाई भत्ते की बकाया राशि, उपदान की राशि तथा अपने अवकाश खाते में जमा उपर्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि प्राप्त करने का अधिकारी था। लेकिन प्रार्थी को अधिनियम 1989 की धारा 29 व नियम, 1993 के नियम 34 के अनुसार उसके वेतन का स्थिरीकरण नहीं किया गया। जो प्रार्थी अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने का अधिकारी था। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त लाभ नियमानुसार ब्याज सहित प्रार्थी को अदा करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।

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