गोपालसिंह रावतपुरा
अजमेरनामा / फलसूण्ड उपतहसील क्षेत्र में पीओएस मशीन से सरकारी राशन की दुकानों पर राशन देने में उपतहसील फलसूंड बहुत पीछे हैं। एक तरफ देश भर में राजस्थान की प्रगति की सराहना हो रही है वहीं दूसरी तरफ उप तहसील फलसूण्ड में यह गति बहुत धीमे है। गौरतलब है कि देश भर में थंब इंप्रेशन वाली मशीन पीओएस से राशन देने की व्यवस्था इसलिए की गई है कि ताकि राशन के सामान की कालाबाजारी न हो। कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें ग्रामीणों ने शिकायत की है कि उन्हें राशन डीलर गेहूं नहीं दे रहा है और कालाबाजारी कर रहा है, ऐसे में पीओएस मशीनें लगने के बाद इसमें काफी कमी आने की संभावना थी। पूरे प्रदेश में तो कमी आई है लेकिन फलसूण्ड उप तहसील में आज भी यथा स्थिति है क्योंकि सभी को इस मशीन से राशन नहीं मिल रहा है और अभी भी पुराने तरीके रजिस्टर के माध्यम से व्यवस्था चल रही है।
तहसील मुख्यालय क्षैत्र राशनकार्ड धारियों के लिए आज भी पुरानी व्यवस्था है। उन्हें रजिस्टर के माध्यम से गेहूं का वितरण हो रहा है, जिसके चलते राशन डीलर्स पर कालाबाजारी करने का संदेह बना हुआ है।
बुजुर्गों के अंगूठे के निशान मेल नहीं खा रहे हैं
आधारकार्ड से पीओएस मशीनों का सिस्टम लिंक है। ऐसे में मशीन पर अंगूठे लगाते ही उसकी डिटेल के अनुसार उसे राशन वितरण होता है। इसमें एक परेशानी यह रही है कि बुजुर्ग लोगों के अंगूठे के निशान मेल नहीं खा रहे हैं जिससे परेशानी ज्यादा हो रही है। डीलर्स भी इस समस्या से परेशान है।
रजिस्टर से वितरण बंद हो तभी कालाबाजारी रुकेगी
इन मशीनों काे लगाने का उद्देश्य राशन की कालाबाजारी रोकना है। ऐसे में फलसूण्ड में अब तक रजिस्टर से राशन वितरण का सिस्टम बंद नहीं हुआ है जिसके चलते कालाबाजारी होने का संदेह बना रहेगा। जानकारों के अनुसार जब पूरी तरह से मशीनों से आवंटन नहीं होगा तब तक कालाबाजारी होती रहेगी।
ग्रामीणो ने बताया कि फलसूण्ड क्षैत्र मे तीसरे फेज में पीओएस मशीनें लगी थी। अप्रैल माह से मशीनों से राशन वितरण शुरू हुआ है और उसे धीरे धीरे बढ़ोतरी हो रही है। वर्तमान में आधे से अधिक कार्डधारियों को रजिस्टर से गेहूं वितरण किया जा रहा है। इसकी वजह विभिन्न स्तरों पर त्रुटि होना है।ये मशीनें नेट से जुड़ी है तथा उपतहसील क्षेत्र में नेट की समस्या आम है जिसके चलते डीलरों व ग्रामीणों सभी को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा |