सफलता की कहानी

शरीर, वक्त एवं परिस्थिति ने मारा, सरकार ने तारा

bikaner samacharबीकानेर, 31 अगस्त। दोनों पैरों की निःशक्तता की दंश से मारे 37 वर्षीय देवी लाल सोखल का जीवन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से मिली इमदाद से बदल ही गया है। आज देवीलाल पूरे सम्मान के साथ जी रहा है तथा अपने बच्चों का बेहतर तरीके से पालन पोषण करते हुए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है।
गांव कुम्हारवाली (चक 59 आर.बी.) रायसिंह नगर, जिला श्रीगंगानगर छोड़कर शिक्षा, चिकित्सा व बेहतर जीवन की कामना को लेकर दो दशक पूर्व उसका परिवार बीकानेर आ गया। अनेक विषमताओं के बावजूद देवीलाल ने दूसरी बार में दसवीं पास की तथा हाल ही ओपन स्कूल के माध्यम से बारहवीं उत्तीर्ण की है।
इसी दौरान दोनों पैरों से निःशक्त 8 जी.डी.घड़साना निवासी कुम्हारवाली निवासी बादू देवी, सरकार के सहयोग से जीवन साथी बन गई। विवाह पर सरकार की ओर से सुखद दाम्पत्य योजना के माध्यम से 25 हजार रुपए की सहायता प्रदान की गई।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की विशेष योग्यजनों को स्वावलम्बी बनाने की मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन स्वरोजगार योजना से एक लाख रुपए का ऋण व ऑरियंटल बैंक से मिले 6 लाख रुपए के ऋण से मकान बनवा लिया तथा घर में छोटी सी दुकान खोलकर तीन बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। उनकी पुत्री दिव्या नौंवीं में, चेतना छठी में तथा पुत्र लक्ष्य नर्सरी में अध्ययन कर रहा है। सरकार की पालनहार योजना का लाभ तीनों बच्चों को शुरू किया गया। दो बालिकाओं दिव्या व चेतना को एक-एक हजार रुपए तथा बालक लक्ष्य को 500 रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं। इसके अलावा कृत्रिम अंग उपकरण सहायता के तहत एक व्हील चेयर, पत्नी को बैशाखी की तथा अन्य योजना के माध्यम से पति-पत्नी दोनों को निःशुल्क रेल व बस पास की सुविधा मिली।
सरकार से मिली सुविधा का सहारा ने जीवन की दिशा व दशा बदल दी। मन से हीन भावना निकल गई तथा दिव्यांग होने के बावजूद बेहतर जिन्दगी जीने का रास्ता मिल गया। आज देवी लाल सिर उठाकर और पूरे स्वाभिमान के साथ अपना जीवन गुजार रहा है। हरि शंकर आचार्य सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी,

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