सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल का फर्क हो रहा समाप्त

बीएसबीवाई के मार्फत सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल का फर्क हो रहा समाप्त: बी.एल.कोठारी
एन.एच.एम. के अतिरिक्त मिशन निदेशक ने की संभाग स्तरीय समीक्षा

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bikaner samacharआमजन के लिए धीरे-धीरे सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल के भेद को समाप्त करते हुए उन्हें अपने विवेकानुसार उपचार हेतु चिकित्सालय चुनाव की सुविधा देना भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की वजह से संभव हो पाया है। एन.एच.एम. के अतिरिक्त मिशन निदेशक तथा निदेशक आई.ई.सी. बी.एल. कोठारी ने योजना की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में उक्त विचार व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि यदि किसी पीएचसी या सीएचसी से किसी मरीज को रेफर किया जाना है और चिकित्सक की नजर में किसी बीएसबीवाई सम्बद्ध प्राइवेट हॉस्पिटल में अच्छी सुविधा उपलब्ध है तो वह निःसंकोच उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर कर सकता है ताकि मरीज को बेहतर उपचार मिल जाए और सरकारी चिकित्सालय पर भार कम हो। जो बीएसबीवाई का लाभार्थी हो उसे अन्य योजना जैसे बीपीएल जीवन रक्षा कोष या निःशुल्क दवा योजना में लाभ देने की बजाय बीएसबीवाई को प्राथमिकता दी जाए।
बीएसबीवाई के राज्य नोडल अधिकारी एम.पी. जैन ने बताया कि जिन पुराने केस में चिकित्सालय को ये लगता है कि उनका दावा सही था फिर भी बीमा कंपनी ने उसे रिजेक्ट कर दिया था तो वे लिखित में देवें ताकि उस टीआईडी को पुनः खोलकर भुगतान करवाया जा सके। भविष्य में भी यदि कोई क्लेम बीमा कंपनी द्वारा अटकाया जाए तो जिला स्तर पर अपीलेट में अपील की जा सकती है।
श्री कोठारी ने निर्देश दिए कि सभी चिकित्सालयों में क्लेम करने के बाद यदि बीमा कंपनी द्वारा कोई क्वेरी या आपत्ति या स्पष्टीकरण भेजा जाए तो तत्काल उसका जवाब दिया जाए ताकि फटाफट भुगतान हो सके। शेष पड़ी क्वेरी का अम्बार ना बन जाए इसके लिए किसी भामाशाह स्वास्थ्य मार्गदर्शक को लगाकर अभियान स्तर पर इनका निपटान किया जाए। उन्होंने प्री औथोराइजेशन के बावजूद क्लेम न भेजने के मामले भी यथा शीघ्र निपटने के निर्देश दिए।
बैठक में जयपुर से आए दल ने ना केवल जिलेवार प्रगति समीक्षा की बल्कि सभी की समस्या समाधान का प्रयास और कई अच्छे सुझावों का संकलन भी किया। बैठक में संयुक्त निदेशक डॉ. एच.एस. बराड़, सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चैधरी, डॉ. राधेश्याम वर्मा, डॉ. सी.एस. मोदी, डॉ. देवेन्द्र अग्रवाल, डॉ. वी. बी. सिंह, डॉ. बी.एल. हटीला सहित स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी शामिल हुए। जयपुर से आए दल में वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, हेमंत व्यास, रवि शुक्ला व रतन सिंह शामिल रहे। संभाग के सभी जिलों के सीएमएचओ, डीपीएम, एनयूएचएम सलाहकार, जिला नोडल अधिकारी, जिला आई.ई.सी. समन्वयक व अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
औसतन 7 दिन के अन्दर हो रहे हैं क्लेम के भुगतान
श्री कोठारी ने जानकारी दी कि योजना के बेहतर प्रबंधन व लगातार बीमा कंपनी के साथ बैठकों का नतीजा है कि भुगतान प्रक्रिया तेज हो गई है। क्लेम करने के औसतन 7 दिन के भीतर बीमा कंपनी द्वारा भुगतान चिकित्सालय के खाते में किया जा रहा है। योजना के कारण राज्य का स्वास्थ्य स्तर बढ़ रहा है। अब तक कुल 221 करोड़ रूपए से अधिक के क्लेम बुक कर साढ़े 4 लाख से अधिक को निःशुल्क कैशलेस स्वास्थ्य बीमा का लाभ देकर उपचार किया जा चुका है। बीकानेर जिले में 14 करोड़ रूपए से अधिक के क्लेम बुक हो चुके हैं जबकि श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व चूरू में क्रमशः 6 करोड़ 71 लाख, 2 करोड़ 21 लाख व 2 करोड़ 38 लाख रूपए से अधिक के क्लेम बुक हुए हैं।

— मोहन थानवी

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