सेवा समाप्ति को अनुचित मानते हुए सेवा में बहाली के आदेश

सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त करते हुए डीएवी स्कूल, अजमेर के अध्यापिका की सेवा समाप्ति को अनुचित मानते हुए सेवा में बहाली के आदेश दिये
(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण का मामला)

jaipur samacharजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अम्बिका कपूर की अपील स्वीकार करते हुए प्रबन्ध समिति दयानन्द बाल निकेतन सीनियर सैकण्डरी स्कूल, अजमेर द्वारा पारित सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त करते हुए पुनः पारिणामिक लाभों सहित सेवा में बहाली के आदेश दिये। उल्लेखनीय है कि अपीलार्थीया की नियुक्ति 18-8-2013 को अध्यापिका के पद पर हुई थी तथा उसे 16-5-2015 को यह कहते हुए सेवा से पृथक कर दिया कि अपीलार्थीया का सेवाकाल समाप्त हो गया है। अपीलार्थीया ने इससे पीड़ित होकर के अपने अधिवक्ता डी.पी. शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष अपील प्रस्तुत कर निवेदन किया कि अपीलार्थीया की सेवा समाप्ति राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम , 1989 एवम् नियम 1993 के प्रावधानों के विपरीत की गई है। जिसके तहत 6 माह से अधिक समय के लिये नियुक्त कर्मचारी की सेवा समाप्ति से 6 माह का नोटिस या उसके बदले में वेतन तथा शिक्षा निदेशक की सहमति आवश्यक है तथा प्रबन्ध समिति के द्वारा इस आशय का प्रस्ताव भी पारित होना आवश्यक है कि संस्था में अपीलार्थीया की सेवायें संस्था हित में चालू नहीं रखी जा सकती। विपक्षी संस्थान के द्वारा इस प्रकार के किसी भी प्रावधान की पालना नहीं की गई और ना ही कोई सुनवाई का अवसर अपीलार्थीया को दिया गया तथा कोई जांच कार्यवाही भी नहीं की गई। इसके विपरीत संस्था की ओर से तर्क दिया गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सिद्धान्तों के अनुरूप सेवा समाप्ति उचित है क्योंकि अपीलार्थीया का कार्यकाल निश्चित अवधि का था तथा निश्चित अवधि पूर्ण होने पर सेवा समाप्त की जा सकती है। इसके विपरीत अपीलार्थीया के अधिवकता श्री शर्मा का तर्क था कि चूंकि राजस्थान में सेवा सम्बन्धी मामले अधिनियम 1989 एवम् नियम 1993 से शासित है तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि यदि कोई विशेष अधिनियम है तो उसकी पालना करना आवश्यक है। इसके अलावा राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ के द्वारा भी प्रत्येक वर्ष नियुक्ति देना तथा वर्ष के अन्त में सेवा समाप्ति आदेश देना गैरकानूनी माना है तथा अधिनियम 1989 की धारा 18 व नियम 1993 की पालना आवश्यक माना है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने विपक्षी संस्था के अपीलार्थीया के सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त करते हुए उसे सेवा में पुनः बहाली के आदेश दिये।

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