संघर्षरत होण्ड़ा मजदूरों का भविष्य अधर में-समझौते के आसार नही

14 दिनों से लगातार चल रही भूख हड़ताल, अभी तक कम्पनी, राज्य सरकार या केन्द्र सरकार से ना कोई अधिकारी ना ही वर्तमान सरकार का कोई नेता इनकी सुध लेने नही पहुॅचा तो निकट समय में किसी भी समझौते के लिये वार्ता होने की संभावना भी नही दिखाई देती।
naresh-002-a-jpegजयपुर, 2 अक्टुबर 2016। जापानी कम्पनी होण्ड़ा मोटर साइकिल एण्ड स्कूटर इण्डिया प्रा. लि. टपूकड़ा, अलवर राजस्थान से निकाले गये मजदूरों ने 19 सितम्बर 2016 से दिल्ली के जन्तर-मन्तर में आमरण अनशन कर भूख हड़ताल पर बैठे है पिछले सात महिनों से होण्ड़ा के ये मजदूर अपनी नौकरीयॉ वापस पाने के लिये एवं अपने साथियों को झुठे मुकद्मों से बचाने की गुहार हर स्तर पर कर-कर के भी जब कोई निर्णय नही निकला तो अब भूख हड़ताल कर आमरण अनशन पर बैठे है शायद इनके लिये यही आखिरी रास्ता रह गया था और दुसरी और कम्पनी, राज्य सरकार और केन्द्र सरकार का कोई अधिकारी या नेता इनके लिये कुछ करने की बात तो दुर इनसे पिछले 14 दिनों में बात करने के लिये भी नही आये है।
हर दिन की तरह आज भी एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल पर कामरेड जितेश कुमार और रवि कुमार समर्थन में बैठे। आज 11 बजे न्याय संघर्ष रैली जन्तर-मन्तर, दिल्ली पहुचीं जहॉ एक विशाल महाजुटान का आयोजन किया गया। इस महाजुटान में होण्ड़ा टू व्हीलर कम्पनी से निकाले गयें श्रमिकों के साथ-साथ सैकड़ों श्रमिक, विभिन्न छात्र संगठन, सेंट्रल ट्रेड यूनियन, इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजीवा रेड्डी (पूर्व सांसद राज्यसभा), एटक सेंट्रल ट्रेड यूनियन से डी.एल. सचदेवा, सेंट्रल ट्रेड यूनियन, सीटू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ए.के. पदामहभान, अमर रावत, राष्ट्रीय सचिव गौतम मोदी, राजस्थान एटक कमेटी से हरिओम चुग एवं प्रेम जी, राजस्थान रोड़वेज यूनियन से ग्यारसा राम जाखड़, राज मिस्त्री कामगार यूनियन अलवर से भोलाराम, हिन्दुस्तान कॉपर यूनियन खेतड़ी से सुशील कुमार, समता मूलक महिला संगठन से सुनीता त्यागी, श्रमजीवी संघर्ष मोर्चा हरियाण से पाल सिंह, जे.एन.यू. विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार व वर्तमान छात्र यूनियन बॉडी तथा भारी संख्या में अन्य कॉलेजों के छात्रों ने होण्ड़ा के संघर्षरत मजदूरों के मकाजुटान में शिरक की और सभी ने होण्ड़ा प्रबन्धन और प्रशासन की कड़ी निन्दा की। होण्ड़ा टू व्हीलर कामगार समूह ने होण्ड़ा के टू व्हीलर प्रोडक्ट के बहिष्कार के लिये 5 अक्टूबर को देशभर में एक साथ बहिष्कार व प्रदर्शन का ऐलान किया और आये हुये सभी सहयोगियों ने इसका पुर जोर समर्थन किया।
जे.एन.यू. विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने मजदूरों को सम्बोधित करते हुये कहा की कोई भी सरकार हो होण्ड़ा मजदूरों को इस प्रकार दबा नहीं सकती इस संधर्ष में हम जी जान लगा देगें हम इन मजदूरों अधिकारों का हनन नहीे होने देगें। कन्हैया भी इन मजदूरों के समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठ सकते है।
इन मजदूरों की सिर्फ दो ही मुख्य मांगे हैं:-
ऽ कम्पनी से निकाले गये सभी मजदूरों को होण्डा कम्पनी बिना किसी शर्त के वापस नौकरी पर लें।
ऽ मजदूरों पर लगाये गयें झूठे मुकदमें वापस ले ताकि वो जेल से रिहा हो सके।
अपने संघर्ष को आगे बढ़ाते हुये मजदूरों ने होण्ड़ा टू व्हीलर के उत्पादों एक्टिवा और शाइन का बहिष्कार भी कर रहे है। सोचिये क्या असर होगा इस बहिष्कार का….? क्या इससे कम्पनी की बिक्री पर प्रभाव नही पडे़गा…? निश्चित रुप से पड़ेगा क्योंकि एक्टिवा और शाइन को अपने हाथों से बनाने वाले मजदूरों को उसकी तकनीकि कमिंयों के बारे में ज्यादा अच्छी जानकारी होती है। अब अपने आन्दोलन सेे आम जनता को जोड़ने के लिये निरन्तर संम्पर्क किया जा रहा है और अपील की जा रही है कि उनका इस न्याय की लड़ाई में सहयोग दें।
इसी बीच आज दिन में 1ः30 बजे भूख हड़ताल पर बैठे 2-एफ कामगाार समूह के अध्यक्ष नरेश कुमार पुत्र विशम्भर दास निवासी दरियापुर, फतेहाबाद की तबियत अचानक खराब हो गयी जिसके कारण वो बेहोश हो गये, उन्हें तुरन्त अस्पताल ले जाया गया नरेश कुमार को करीब एक घन्टे बाद होश आया लेकिन उन्होने जोश और जज्बे के साथ भूख हड़जाल को जारी रखने का फैसला लिया और वापस धरना स्थल पर आ गये।
3 अक्टूबर को 4 बजे ट्रेड यूनियन कौंसिल गुड़गांव की तरफ से कमला नेहरु पार्क, गुड़गांव में एक विशाल मीटिंग की जायेगी जिसमें बावल से दिल्ली तक लगभग सभी श्रमिक यूनियनों के पदाधिकारी, राजस्थान राज्य की सभी ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारी, सेंट्रल ट्रेड यूनियन के पदाधिकारी, देश के विभिन्न जगहों से छात्र व मजदुर संगठन भी उपस्थित रहेगें जिसमें होण्ड़ा के संघर्षरत मजदुरों को न्याय दिलवाने के लिये अह्म रणनीति बनाई जायेगी।
ये सभी मजदूरों ने निश्चित रुप से अपनी बुनियादी श्रम संबन्धी मांगो को लेकर संघर्ष कर रहें है। 2-एफ कामगार समुह के मजदूरों के हौसले बहुत बुलंद है इनकी हड़ताल के समर्थन में हर दिन 5 से 8 लोग एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल में इनके साथ बैठकर इनका हौसला बढ़ा रहे है।
संदीप शर्मा

3 thoughts on “संघर्षरत होण्ड़ा मजदूरों का भविष्य अधर में-समझौते के आसार नही”

  1. आज 15 दिन बाद नही तो प्रशासन सुन रहा हैं और ना ही हौंडा मैनेजमेंट जब इस भूख हडताल की आग पुरे देश के मजदूरों में फ़ैल जाएगी फिर इसको रोकना मुश्किल होगा।

  2. राजस्थान में वसुंधरा सरकार नही हौंडा सरकार ह जिसने वसुंधरा को भी अपने जेब में रख लिया ह

  3. अभी तक सरकार व प्रसाशन की तरफ से कोई भी डॉक्टर टीम नहीं पहुची है जबकि आज 15 दिन हो चुके हैं।ये हैं आज की बीजेपी सरकार जो मजदूरों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही।

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