विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह 10 तक

img_20161006_133253विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के अवसर पर दिनांक 6.10.2016 को राजकीय जिला चिकित्सालय बीकानेर में मनोरोग चिकित्सा एवं नशामुक्ति विभाग, तथा लॉयन्स क्लब बीकानेर “उड़ान” टीम के संयुक्त तत्वाधान में विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के अन्तर्गत बच्चों पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ.राकेश गढवाल, मनोरोग चिकित्सा एवं नशामुक्ति विशेषज्ञ तथा डॉ. भुपेन्द्र कुमार यादव, डॉ. विजय लक्ष्मी व्यास, डॉ0 प्रवीण चतुर्वेदी, एवं लॉयन्स क्लब बीकानेर “उड़ान” टीम की अध्यक्ष, अर्चना थानवी द्वारा किया गया।
डॉ0 राकेश गढवाल मनोरोग चिकित्सा एवं नशामुक्ति विशेषज्ञ ने बताया कि बच्चों के लिखने, बोलने, पढने तथा याद करने में समस्या, स्कूल प्रदर्शन में कमी, स्कूल न जाने के बहाने करना, स्कूल जाने से डर लगना, बिस्तर में ही मल-मूत्र का विसर्जन करना, चीजों को चुराना, सम्पति को नुकसान पहुचाना, नियमों का उल्लघंन करना, लडाई झगडे करना और बडो की बात न मानना, अत्यधिक चंचल होना, किसी कार्य में ध्यान र्केिन्द्रत न कर पाना या अत्यधिक क्रोधित हो जाना जैसे कई तरह के मानसिक लक्षण पाये जा सकते है तथा इनका ईलाज संभव है । डॉ0 राकेश गढवाल ने बच्चों में पाये जाने वालंे विभिन्न मानसिक रोगों के शारीरिक लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि:

मानसिक मन्दता ¼Mental Retardation :
1. मानसिक मन्दता के बच्चों को उसके हम उम्र के बच्चों की तुलना में समझाने या ग्रहण करने में कठिनाईयां होती है व स्मरण शक्ति का अभाव होता है।
2. इसमें बच्चा पढाई में कमजोर होता है और बार-बार फेल होता है।
3. मन्दबुद्धि बच्चे अपनी हम उम्र के बच्चों की तुलना में चलने, बोलने या समझने की तुलना में पिछड़ा हुआ होता है।
4. इस प्रकार के बच्चों में मिर्गी के दौरे आते हैं।
5. बच्चों का आईक्यू टैस्ट किया जाता है और उसके अनुसार उनको ¼Mild, moderate, severe, profound½ मंदबुद्धि के क्रम मे ंरखा जाता है।

Attention Deficit Hyperactivity disorder¼ADHD½ %
1. इस रोग में बच्चा लगातार ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाता है।
2. बच्चों में अत्यधिक चंचलता पाई जाती है।
3. स्कूल में बच्चा अपनी कॉपी, पैन्सिल, रबर, शार्पनर, टिफिन, पानी की बोतल खोकर आता है।
4. बच्चा एक जगह स्थिर नहीं रह पाता है, इधर-उधर भागता रहता है।
5. दूसरे बच्चों का ध्यान भंग करने की कोशिशे करता है।
6. खुद से पूछे गये सवाल पूरा होने से पूर्व ही वह जवाब दे देता है व अक्सर उसके दिये गये जवाब गलत होते हैं।
7. बच्चा अपनी बारी का इंतजार नहीं करता है, तथा जल्दबाजी में रहता है।

Learning Disorder½ %
1. बच्चे पढाई में लिखने, पढने व गणित के सवाल हल करने में असमर्थ होता है।
2. एक तरह दिखाई देने वाले शब्दों को पहचानने व लिखने में अक्सर गलतियां करता है।
3. एक ही बात को बार-बार समझाना पड़ता हैं।

Conduct disorder %
1. बात न सुनना
2. जिद करना
3. दूसरों को आक्रामकता दिखाना।
4. दूसरो से लडाई-झगडा करना।
5. चोरी करना
6. झूठ बोलना
7. स्कूल से अनुपस्थित रहने के लिये तरह-तरह के बहाने बहाना।

बच्चों की अन्य मानसिक बीमारियां:
1. 5 वर्ष की उम्र के बाद भी बिस्तर में पेषाब करना।
2. अंगूठा चूसना।
3. बोलने में कठिनाई या तोतलापन।
4. बेवजह गुस्सा करनां

डॉ0 प्रवीण चतुर्वेदी ने इस अवसर पर बच्चों मे पाये जाने वाले विभिन्न बाल रोगों पर प्रकाश डाला तथा बताया कि बच्चों के सम्पूर्ण मानसिक एवं शारिरिक विकास में खान-पान एवं संतुलित आहार बहुत महत्वपूर्ण है।
लॉयन्स क्लब बीकानेर “उड़ान” टीम की अध्यक्ष अर्चना थानवी, ने बच्चों की बीमारियों को जल्दी पहचाननें एवं स्कूलों में कॉउसलर की उपयोगिता पर प्रकाश डाला तथा बताया कि बच्चों के सम्पूर्ण मानसिक विकास में परिवार के साथ-साथ अध्यापको की भी अहम भूमिका होती है। डॉ. भुपेन्द्र कुमार यादव, डॉ. विजय लक्ष्मी व्यास ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त कियें।

चिकित्सा अधिकारी
मानसिक रोग एवं नशामुक्ति विभाग
एस.डी.एम राजकीय जिला चिकित्सालय, बीकानेर

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