जन्म शताब्दी मंगल महोत्सव प्रारम्भ

श्रीमद् भागवत महापुराण की निकली कलश यात्रा
कलयुग में नाम सिमरन मात्र से ही मुक्ति – महामण्डलेश्वर जगदीशदास जी

bhilwara-newsहरीशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा में सात दिवसीय जन्म शताब्दी मंगल महोत्सव के दौरान महामण्डलेश्वर जगदीश दास उदासीन ने व्यास पीठ से श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के वाचन में कहा कि कलयुग में नाम सिमरन मात्र से ही मुक्ति संभव है। ’’संतन संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी’’ भजन प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि मन में ज्ञान व वैराग्य जो सुषुप्तावस्था में है, वह कथा श्रवण से जगाया जा सकता है।
इससे पूर्व श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा को विराजित करने के लिए दोपहर एक बजे श्री बालाजी मंदिर, बालाजी मार्केट से कलश यात्रा में सैकड़ो महिलायें बालिकाऐं एवं श्रद्धालुगण शामिल हुए। श्री बालाजी मंदिर में सनातन रीति अनुसार श्रीमद् भागवत महापुराण व कलश का मंत्रोच्चार होकर पूजन हुआ। संतो-महापुरूषो के सानिध्य में कलश यात्रा प्रारम्भ हुई। कलश यात्रा में बैण्ड व भजन की धुनो पर श्रद्धालुगण झूम उठे। इस कलश यात्रा में सर्व समाज के सनातन धर्मबंधुओ ने भाग लिया। हरीशेवा उदासीन आश्रम पहुंच कर श्रीमद् भागवत महापुराण को विराजित किया गया। संतो महोत्माओं के उद्बोधन में महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने कहा कि अपने पूर्वजो का उत्सव धूमधाम व उत्साह से मनाया जाना चाहिए, इसी संकल्प को ध्यान में रखकर यह आयोजन किया जा रहा है। महामण्डलेश्वर शरणानंद जी पठानकोट ने कहा कि कलयुग का सर्वश्रेष्ठ ज्ञान यज्ञ भागवत है।
प्रातःकाल में विशेष रूप से तैयार यज्ञशाला में मूल पाठ वालो भक्तो का संकल्प लिया गया। पं. रोशन शास्त्री एवं वृंदावन से आये ज्ञानी ब्राह्मणो ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन पूजन किया। गुरूओं की समाधि पर अभिषेक व प्रार्थना हुई। रात्रि 8 बजे बरसाना धाम से आये हुए कलाकारो द्वारा श्री ठाकुरजी की रासलीला प्रस्तुत की गई।
इस अवसर पर श्री महंत संतोषमुनि जी उदासीन इलाहाबाद, बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज वाल्मिकी धाम उज्जैन, महंत स्वरूपदास जी अजमेर, महंत हनुमानराम उदासी, स्वामी ईश्वरदास जी अजमेर, स्वामी तुलसी करतारी बैरागढ़, संत अमोलक दास उज्जैन, स्वामी गणेशदास भीलवाड़ा सहित अनेक संत महापुरूष का सानिध्य प्राप्त हुआ।

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