सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर बेटियों ने किया गौरवांवित

जैन कन्या पीजी महाविद्यालय का तीन दिवसीय कार्यक्रम ‘गूंज-21 वर्ष’ प्रारम्भ
dsc_0040बीकानेर, 23 अक्टूबर। संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि आज बेटियां किसी से कम नहीं हैं। शिक्षा, चिकित्सा एवं खेलों सहित प्रत्येक क्षेत्र में बेटियों ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए परिवार, समाज एवं देश का नाम गौरवांवित किया है।
डॉ. मेघवाल श्री जैन कन्या पीजी महाविद्यालय के 21 वर्ष पूर्ण होने पर रविवार को महाविद्यालय परिसर में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम ‘गूंज-21 वर्ष’ के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों ने बेटों को पीछे छोड़ दिया है। खेलों की अंतर्राष्ट््रीय स्पर्धाओं में स्वर्णिम सफलता प्राप्त करते हुए बेटियों ने यह सिद्ध कर दिया है कि वे किसी से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक आधारभूत सुविधाओं के विकास एवं विस्तार के लिए समय-समय पर अनेक भामाशाहों ने महत्ती योगदान दिया है। उन्होंने बीकानेर को भामाशाहों एवं दानवीरों की भूमि बताया तथा कहा कि यहां जन्मे दानवीरों ने देश और दुनिया में जिले को विशिष्ट पहचान दिलाई है।
संसदीय सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश पुनः विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर है। आज दुनिया के अनेक देश, भारत की प्रतिभा एवं क्षमता का सम्मान करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के आह्वान के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। भारत को युवाओं का देश बताते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी उर्जा को देशहित में लगाएं।
डॉ. मेघवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने महिला सशक्तिकरण की अभिनव मिसाल प्रस्तुत करते हुए राजस्थान में ‘भामाशाह योजना’ संचालित की है। इससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है तथा उनके मान-सम्मान में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार की पहल पर प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालयों की स्कूलों को सीनियर सैकण्डरी स्तर तक क्रमोन्नत कर दिया गया है। इससे मजदूर, किसान और गरीब व्यक्ति के बच्चों को गांव में शिक्षार्जन का अवसर मिलने लगा है। सरकार की इस पहल के दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।
महापौर नारायण चौपड़ा ने कहा कि मनुष्य के सर्वांगीण विकास में शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। विद्यार्थी, इसकी महत्ता को समझते हुए, पूर्ण मनोयोग से शिक्षार्जन करें। उन्होंने सहशैक्षणिक गतिविधियों को भी जरूरी बताया और कहा कि इनसे नई उर्जा का संचार होता है। उन्होंने, जैन कन्या महाविद्यालय को बालिका शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया तथा कहा कि यहां अनेक छात्राआंे के भविष्य को नई दिशा मिली है।
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. चंद्रकला पाडिया ने कहा कि एक शिक्षित बालिका, दो परिवारों को रोशन करती है। इस कारण बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में बालिका शिक्षा अधिक प्रासंगिक हो गई है। समाजसेवी रिखबचंद बैद सहित अन्य वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। छात्राओं द्वारा नवकार महामंत्र की प्रभावमयी प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के दौरान अनेक छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय की गतिविधियों एवं उपलब्धियों आधारित ‘गौरव ग्रंथ’ का विमोचन आशा देवी खजांची द्वारा किया गया। इस ग्रंथ के सम्पादक मंडल में पं. जानकारी नारायण श्रीमाली, डॉ. अजय जोशी, डॉ. प्रभा भार्गव एवं डॉ. राजेन्द्र जोशी सम्मिलित थे। इस अवसर पर जैन पाठशाला सभा के अध्यक्ष विजय कुमार कोचर, उद्योगपति सुरेन्द्र कुमार खजांची, थानमल बोथरा, सुमेरमल दफ्तरी, महावीर रांका, निहाल चंद कोचर, नरेन्द्र कुमार कोचर, तनसुखदास बांठियां, जयचंदलाल डागा, निर्मल दस्साणी, प्राचार्या डॉ. संध्या सक्सेना, नयनतारा छलाणी, इंदूदेवी सुराणा, शांतिलाल सुराणा, सुनील बांठिया सहित अनेक गणमान्य नागरिक, छात्राएं एवं अभिभावक मौजूद थे।

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