56 इंच की छाती है तो प्रधानमंत्री राजस्थान उच्च न्यायलय से मनु की मूर्ती हटायें

मुख्यमंत्री तानाशाह बन गई हैं जनता से मिलना ही नहीं चाहती है- निखिल डे

jaipur samacharखाद्य सुरक्षा कानून को क्रियान्वित हुए 3 वर्ष हो गए लेकिन राशन व्यवस्था अभी भी जरूरतमंदो से दूर है। अभी भी प्रदेश के लाखों परिवार राशन के लाभ से वंचित है। राजस्थान में एक करोड से कम परिवारों यानि लगभग 387 लाख लोगों को राशन दिया जा रहा है, जो कि लगभग 61 लाख लोग को बाहर कर दिया है व लगभग 32 लाख परिवारों को बाहर कर दिया है। इसी के अनुरूप खाद्य सुरक्षा कानून में भी अन्तोदय कार्डधारी राजस्थान में 9.32 लाख होने थे लेकिन 6.16लाख कार्ड धारियों को ही अन्तोदय का 35 किलो का लाभ दिया जा रहा है जबकि उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेश है कि सभी वंचित परिवारों को अन्तोदय के तहत चयनित किया जाये। राजस्थान सरकार इन वंचित परिवारों की खाध्य सुरक्षा योजना का लाभ ना देकर वंचित कर रही है.

यदि हम सितम्बर माह के आंकड़े बता रहे है कि कुल97 लाख लाभार्थीयों में से सिर्फ 66.46 लाभार्थी परिवार को पोस मशीन से राशन प्राप्त हुआ है। इससे लगभग एक तिहाई परिवार, 30 लाख से ऊपर परिवार इस बार राशन से वंचित रह गये है। हम यह मानने को तैयार नहीं कि 30 लाख लोग राशन लेने नहीं पहुंचे होंगे। यह तो स्पष्ट है कि पोस (PoS) मिलान नहीं हो पाया होगा, जोकि विभिन्न सर्वे के जरिये प्राप्त हुआ है। यह30 लाख परिवार राशन से वंचित हैं.

धरने भीलवाडा, अजमेर राजसमन्द सहित कई जिलों के सिलिकोसिस से ग्रसित धरने पहुचे और पीड़ितों ने बताया कि पिछले करीब एक साल से राज्य सरकार ने एक लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया है जबकि उनके प्रमाण पत्र बने हुए हैं. इस महामारी से लोग बड़ी संख्या में मौत के मुंह में धकेले जा रहे हैं लेकिन इसके बचाव के कोई उपाय नहीं किये जा रहे हैं।
इसके साथ ही राज्य में लगातार अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं, राजसमंद जिले से आये पारस बंजारा ने बताया कि रेलमगरा में फर्जी गौरक्षक गौरक्षा के नाम पर चौथवसूली कर रहे हैं जिसकी लड़ाई बंजारा समुदाय लड़ रहा है और इस लड़ाई को राज्य के सभी लोगों को लड़ना होगा।
धरने में मानवाधिकार कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी ने कहा कि राजस्थान में पिछले कुछ समय से दलित अत्याचार के मामले बढे है और उन्होंने कुछ मामलों के बारे में विस्तार से बात रखी।

धरने में उना दलित अत्याचार लडत समिति के संयोजक जिग्नेश मेवानी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लाल्जरते हुए कहा कि अगर उनकी छाती 56 इंच की है और वो बाबा साहेब के सच्चे भक्त हैं तो राजस्थान उच्च न्यायलय से मनु की मूर्ती हटा कर बताएं. मेवानी ने कहा कि राजस्थान में दलितों पर अत्याचार की बाढ़ आई हुई है राज्य सरकार का रवैया ठीक नहीं है. डेल्टा मेघवाल हत्याकांड की सीबीआई जाँच के मामले में मुख्यमंत्री ने गद्दारी की है उन्होंने गौरक्षा के नाम पर दलितों, घुमंतुओं व अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
रैली के बाद सिविल लाइन फाटक पर हुई सभा को संबोधित करते हुए कविता श्रीवास्तव ने कहा कि हम मुख्यमंत्री जी को याद दिलाने आये है कि जब तक सबको राशन, सस्ता तेल और दाल नहीं मिलेंगे हम आराम से नहीं बैठेंगे और ना ही सरकार को बैठने देंगे। ये हमारा अधिकार है सरकार को रोटी, कपड़ा और मकान देना ही होगा।
सभा के समापन में निखिल डे न बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री तानाशाही पूर्ण रवैया अपना रही है वे किसी भी दुखी व्यक्ति से नहीं मिलती नहीं है ये सिलिकोसिस के लोग अपनी पीड़ा बताने आये हैं लेकिन वो सुनना नहीं चाहती है। उन्होंने कहा कि हम उनसे एक एक दिन की जवाबदेही मांगेंगे क़ि उन्होंने जनता के पैसे से सुविधाएँ और तनख्वाह लेकर कितना काम किया।
धरने के बाद शहीद स्मारक से सिविल लाइन फाटक तक रैली निकाली गई जिसमें बीजेपी के विधायक जिसने जवाबदेही यात्रा पर हमला किया था को गिरफ्तार किये जाने के नारे लगाए गए और इसे प्रमुखता से रखा गया।
धरने से एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री के विशेष सचिव से मिलने गया जिसमें राशन, पेंशन, सिलिकोसिस और राज्य में बढ़ रहे अत्याचारों पर बात रखी उन्होंने गंभीरता से सभी को सुना और उचित कार्रवाई करने का आश्वसान दिया।
इस धरने में 15 जिलों के 250 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

फ़िरोज़ खान
बारां(राजस्थान,)

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