न्यायमूर्ति प्रकाष टाटिया को ज्ञापन

img_20161117_115253बाड़मेर / कुक कम हेल्पर्स को नियमित वेतन श्रृंखला दिलाने की मांग की राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाष टाटिया को स्थानीय सर्किट हाउस में मीड-डे-मिल कुक कम हेल्पर्स सघर्ष समिति राजस्थान के प्रदेष अध्यक्ष लक्ष्मण वडेरा ने ज्ञापन सौपकर नियमित वेतन श्रृंखला दिलाने की मांग की है। न्यायमूर्ति प्रकाष टाटिया को बडेरा ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में दोपहर का भोजन योजना में स्कुली विद्यार्थियों को खाना पकाकर खिलाने हेतु सरकार ने स्कूलों मेें कुक कम हेल्पर्स को नियुक्ति दी है सैकड़ो छात्रों को भोजन पकाकर खिलाने वाली कुक कम हेल्पर्स को प्रतिमाह एक हजार रूपये मानदेय ही दिया जा रहा जो स्वंतत्र भारत में सरकारी महकमों में किया जा रहा घोर अन्याय है।
बिषाला गांव आई धूड़ीदेवी सुषीला देवी ने न्यायमूर्ति को बताया कि हम पिछले 10-15 वर्षो से एक हजार रूपये प्रतिमाह में हाड़तोड़ मेहनत करके मध्यान्ह भोजन स्कीम में काम करके बड़ी मुष्किल से गुजारा हो रहा है।
न्यायमूर्ति प्रकाष टाटिया ने कुक कम हेल्पर्स की व्यथा सुनकर कहा कि आपकी मांग सही है तथा आयोग आपको अधिकार दिलायेगा।
प्रदेषाध्यक्ष लक्ष्मण वडेरा ने न्यायमूर्ति को बताया कि अधिकांष कुक कम हेल्पर्स महिलायें जिसमें विधवा तलाकसुदा-परित्यक्ता आर्थिक रूप से पिछड़े व गरीबी की रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों से ताल्लुक रखती है ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत अधिकांष कुक कम हेल्पर्स के पास आजिविका कमाने के लिये बहुत अधिक विकल्प नही है इस कारण इन परिवारों का पालन पोषण का एक मात्र सहारा मानदेय है। कुक कम हेल्पर्स का अत्यन्त कम मानदेय होने के कारण गरीबी व भूखमरी से जुंझ ही है, न्यायमूर्ति प्रकाष टाटिया ने बहुत ही ध्यान से व्यथा को सुना और मांग को वाजिब बताते हुए न्याय का भरोसा दिलाया।
इससे पूर्व मिड-डे-मिल कुक कम हेल्पर्स सघर्ष समिति राजस्थान के प्रदेष अध्यक्ष लक्ष्मण वडेरा ने फूल पहनाकर स्वागत किया तथा न्यायमूर्ति के बाड़मेर आगमन पर खुषी जाहिर की।

error: Content is protected !!