(राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर का मामला)
जयपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय की एकलपीठ के न्यायाधीश श्री कमलजीत सिंह अहलुवालिया ने केशव देव उपाध्याय के मामले में राज्य सरकार जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मुख्य प्रबन्ध निदेशक व सचिव से जवाब तलब करते हुये आदेश दिनांक 21.11.2016 व 04.12.2015 के तहत वसूली के आदेश पर रोक लगा दी। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी की नियुक्ति तकनिकी सहायक के पद पर दिनांक 10.09.2007 को हुई थी तथा उसे सबस्टेशन असिस्टेन्ट द्वितीय के पद पर दिनांक 22.02.2014 को पे-ग्रेड 2400 में पदोन्नत किया गया। विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से रिकवरी का आदेश इस आधार पर निकाला गया कि पुनरीक्षित वेतनमान के नियम 24 के अनुसार 3 प्रतिशत वेतन वृद्धि के आधार पर ही पदोन्नति दी जाती है तथा शेष राशि कर्मचारी से वसूलने के आदेश दिये गये है। प्रार्थी के अधिवक्ता डी.पी. शर्मा का तर्क था कि नियम 24 के तहत यह व्यवस्था है कि यदि कर्मचारी का वेतन 3 प्रतिशत वेतन वृद्धि देने के बाद भी पदोन्नत पद के बराबर वेतन नहीं होता है तो उस कर्मचारी का वेतन पदोन्नत पद के बराबर कर दिया जावेगा, इसलिये वसूली का आदेश नियम विरूद्ध है तथा ऐसे आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। मामले की सुनवाई के पश्चात् उक्त आदेश पारित किये गये।