सूजा का निवाण 12 दिसम्बर
पेगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब की योमे पैदाईस ईदमीलादुन्नबी इंसानियत, मोहब्बत और भाईचारा का पैगाम देता है ये बात दारूल उलूम फैजे सिद्दीकिया संस्था के सरपरस्त धर्मगुरू पीर सैय्यद गुलाम हुसैन शाह जीलानी ने सूजा शरीफ ने धर्मगुरू आयोजित जष्ने ईदमीलादुन्नबी के मौके पर कही।
धर्मगुरू पीर सैय्यद गुलाम हुसैन शाह जीलानी ने उपस्थित अकीदमन्दो को कहा कि नबी के दिखाए मार्ग पर हमें चलाना होगा। मुल्क में इंसानियत, शांति व आपसी सौहार्द का संदेष को अमल में लाकर दीन-दुखियों की सेवा करें। मानव सेवा ही सबसे बड़ी इंसानियत व मजहब हैं। इस्लाम मजहब बुराईयों को छोड़ने का संदेष देता है।
जलसा के वक्ता मौलाना फिदाउल मुस्तफा कादरी ने कहा कि नबी पुरे मुल्क में अमनो शांति, कौमी एकता, इंसानियत के रहबर है। उनको दुनिया में इसी मकसद के लिए भेजा है। नबी के यौमे विलादत अमनो अमान व शांति की मिसाल के रूप में मनाया जा रहा है। जष्ने ईदमीलादुन्नबी के मौके पर हुजूर नबी ए करीम के मुए पाक के बाल मुबारक की जियारत अकीदतमंदो को कराई गई। सैकड़ों लोगों ने खुषी के साथ नम आखों से नबी के मुए पाक के मुबारक बाल की जियारत की। जियारत से पहले जायरीन बवजू हुए। बाल मुबारक की जियारत के बाद नियाज का आयोजन हुआ। इससे पूर्व सुबह 8 बजे दारूल उलूम फैजे सिद्दीकिया प्रांगण से जुलुसे मोहम्मदी निकाला गया। जूलूस अदबो एहतराम संजीदगी व भाईचारा का पैगाम के नारो बेनरों से सुसज्जित इस्लामी तहजीब के साथ सूजों का निवाण गावं पहुंचा। वापस जलूस मदरसा प्रांगण में आकर सम्पन्न हुआ। इस मौके पर मौलाना मोहम्मद रहीम, मौलाना मोहम्मद अलिफ ने भी तकरीर की। सदर मुदर्रिष मौलाना नूर मोहम्मद ने मेहमानों का इस्तकबाल किया।
जलसे में करीबी गांवों के लोग अपनी-अपनी सवारिया एवं वाहन सजा धजा कर शरीक हुए। लोग झुण्ड में नबी की शान में नारे व नाते पाक सुना रहे थे।
सचिव अब्दुल रषीद ने बताया कि नबी ए करीम के मुए पाक के बाल मुबारक में भारत में चुन्निदा जगहों पर है। उसमें सूजा शरीफ में पीर सैय्यद गुलाम हुसैन शाह जीलानी के यहां मौजूद है। जिन्हें वर्ष में एक बार बड़े ही अदबो एहतराम के साथ जियारात कराई जाती है।
अब्दुल रषीद
सचिव
मो. 9414106725