जो देशभक्ति का रास्ता चुनते है उनके लिए मुसीबतें भी आराम

18-dec-progammeबीकानेर 18 दिसम्बर। जो लोग देशभक्ति का रास्ता चुनते है उनके लिए मुसीबतें भी आराम बन जाती है। वतन परस्ती की मुश्किल राह चुनने वाले लोग ही सच्चे अर्थो मंे देश और समाज के लिए प्रेरणा का सबब होते है। अशफाकउल्लाह खां हसरत वारसी और रामप्रसाद बिस्मिल जैसे शहीद इसीलिए आज भी हमारे प्रेरणा स्त्रोत है। ये कहना था वरिष्ठ साहित्यकार भवानी शंकर व्यास विनोद का जो फ्रेण्ड्स एकता संस्थान की ओर से शहीदे आजम अशफाक उल्लाह खां पर केन्द्रित कार्यक्रम तथा सम्मान समारोह मंे बतौर अध्यक्ष अपना उद्बोधन दे रहे थे।
कार्यक्रम का प्रारंभ काकोरी कांड के शहीदों के चित्रों पर पुष्पाजंलि पश्चात् हाफिज अशफाक उल्लाह गौरी “उफक” द्वारा कुरआन की तिलावत एवम् साहित्यकार डॉ. चंचला पाठक द्वारा संस्कृत मंे वंदना से हुआ।
कार्यक्रम समन्वयक कथाकार नदीम अहमद नदीम ने बीकानेर में अशफाक उल्लाह खान पर केन्द्रित कार्यक्रम के प्रणेता युवा शाइर वली मोहम्मद गौरी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वली मोहम्मद पिछले दस वर्षो से तन्मयता से शहीदांे को याद कर रहे है तथा युवाओं को प्रेरित कर रहे है। नदीम अहमद नदीम ने रासिख़ बीकानेरी द्वारा लिखित नाअत भी पेश की।
फ्रेण्ड्स एकता संस्थान के अध्यक्ष वली मोहम्मद गौरी ने संस्था की गतिविधियों से अवगत करवाते हुए शहीदों को याद करने की वज़ह ये बताई कि युवा पीढ़ी निरन्तर शहीदों के योगदान से अनजान हो रही है। इसलिए वर्ष मंे एक बार देश पर कुर्बान शहीदांे को याद करना हमारा फर्ज भी है।
युवा रंगकर्मी जुबैर खान ने शहीदे आजम अशफाक उल्लाह खान के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर भावपूर्ण पत्रवाचन करते हुए उपस्थित लोगों को भावुक कर दिया। जुबैर खान ने शहीदे आजम के लिखे पत्रों का भी वाचन किया तथा उनकी देशभक्तिपूर्ण नज़मे तरन्नुम मंे सुनाकर लोगों को भाव विभोर किया।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे युवा साहित्यकार हरीश बी शर्मा ने भी संचालन के दौरान शहीदों के योगदान को याद किया।
सम्मान कार्यक्रम के अन्तर्गत उर्दू साहित्य सम्मान मौलाना अब्दुल वालिद अशरफी, हिन्दी साहित्य सम्मान जगमोहन सक्सेना, शिक्षा सम्मान ओमप्रकाश सारस्वत, राजस्थानी साहित्य सम्मान डॉ. नीरज दैया, रंगकर्म सम्मान इकबाल हुसैन तथा समाज सेवा सम्मान नेमचंद गहलोत को पेश किया गया।
सम्मानित हस्तियों को शॉल, श्रीफल, सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह एवम् सोशल प्रोग्रेसिव सोसायटी बीकानेर की ओर से साहित्य भंेट किया गया। सम्मान पत्रों का वाचन कवि इसरार हसन कादरी ने किया।
विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ शाइर गुलाम मोहियूद्दीन माहिर ने गरिमामय कार्यक्रम की सराहना करते हुए ऐसे कार्यक्रमों की निरन्तरता पर जोर दिया तथा कहा कि शहीदों को शिक्षाओं से विधार्थियों को परिचित करवाना आज के दौर की सबसे बड़ी जरूरत है।
विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र जोशी ने आयोजन को बेहद कामयाब बताते हुए कहा कि वतन परस्ती के जज़्बे से ओतप्रोत काय्रक्रम वर्तमान समय में अत्यन्त प्रासंगिक है। समाज आज जिस स्थिति में है, उस परिस्थिति मंे ये कार्यक्रम उम्मीद की किरण है। राजेन्द्र जोशी ने सम्मानित होने वालों के योगदान को भी रेखांकित किया।
मुख्य अतिथि, कवि, कथाकार मधु आचार्य आशावादी ने शहीदांे को याद करने वाले कार्यक्रम को सार्थक बताते हुए कहा कि आयोजन की सफलता का परिचायक है कि अब अन्य संस्थाऐं भी शहीदों को याद करने लगी है जो सकारात्मक क़दम है। मधु आचार्य आशावादी ने कहा कि इस अवसर सम्मानित होने वालों का निष्पक्ष चयन भी कार्यक्रम की सफलता की कहानी बयान करता है। मधु आचार्य आशावादी ने कहा कि शहीदों का हम पर कर्ज है जो हजार जन्म लेकर भी चुकाया नहीं जा सकता लेकिन अगर हम ईमानदारी से, सलीके से गरिमामय ढंग से उन्हें याद करने का सलीका भी सीख ले तो हमारे लिए बड़ी बात होगी।
कार्यक्रम के अन्त मंे दिवंगत वरिष्ठ साहित्यकार रामनरेश सोनी को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का सफल संचालन युवा कथाकार हरीश बी शर्मा ने किया तथा अभार संस्थान के उपाध्यक्ष शमशाद अली ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम का सफल आयोजन बृजेन्द्र गोस्वामी, मुरली मनोहर के माथुर, कवयित्री श्रीमती राजश्री भाटी, प्रमोद चमोली, बुलाकी शर्मा, अनवर उस्ता, शमीम बीकानेरी, जाकिर अदीब, लोकेश आचार्य, मनमोहन कल्याणी, गिरीश चन्द्र खत्री, अब्दुल रऊफ राठौड़, मधुरिमा सिंह, डॉ. कृष्णा, डॉ. अजय जोशी, डॉ. ज़िया, कादरी, मनीष कुमार गहलोत, मोहम्मद अफजल सिद्दीकी, शेख इक़बाल मिर्जा, एडवोकेट हाजी युसुफ, मौलाना इरफान नोमानी, डॉ. ब्रह्माराम चौधरी, श्रीमती आनन्द कौर व्यास, अमित गोस्वामी, मोहियूदीन आजाद, रमेश भोजक समीर, असद अली, संजय जनागल, प्रशान्त जैन, राजाराम स्वर्णकार, डॉ. मोहम्मद इकबाल, अहमद हारून कादरी, अब्दुल कादिर गौरी, सय्यद मंसूर अली, सय्यद मोहम्मद हुसैन, सय्यद अब्दुल सलाम की गरिमामयी उपस्थिति एवम् सानिध्य में सम्पन्न हुआ।

वली मोहम्मद गौरी
अध्यक्ष
फ्रेंडस एकता संस्थान
मोबा. 876979

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