देवी भागवत कथा व नानी बाई का मायरा का हुआ शुभारम्भ

1000बाड़मेर 28.12.2016
देवी भागवत कथा का शुभारम्भ कथावाचक महंत श्री श्री 1008 लक्ष्मणदास जी महाराज ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया कथा के आयोजक दुर्गाषंकर शर्मा, बाबूलाल माली, महेष सोनी, एडवोकेट ने देवी भागवत को पुष्प अर्पित किये, उतम शर्मा ने महाराज का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया, आदूराम मेघवाल ने महंत शम्भूनाथ को माल्यार्पण कर आर्षीवाद लिया।
कथा मे महाराज ने सुमन्तकमाणी का विस्तार से वर्णन किया जिसमंे कृष्ण जामवंत युद्ध, जामवंती से विवाह, सुमन्तमाण्ी को भगवान द्वारकाधीष को जामन्त द्वारा भेंट करना आदि का उल्लेख किया। पावन प्रसंग में कहा देवी भगवत बड़ा अनमोल ग्रंथ है जगत में शक्ति को ही बड़ा कहा है। जिनका कथन वेद ग्रन्थ भी करते है और कहा जब मन निर्मल हो व भाव अच्छा हो तो हमें ऐसी लीला कथा सुनने को मिलती है व सुन मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति कर लेता है। कलिकाल में शक्ति पुजा को प्रधान माना गया है। कहा जब परिक्षित को तक्षण सर्प डसा तब वैद व्यास ने परिक्षित के पुत्र जन्म्ेज्य को ये नौ दिवस देवी भागवत िकरवाया तो उनके प्रताप से परिक्षित को मोक्ष प्राप्त हो गया।
कथा मातम्य में स्यमंन्तक मणी की कथा में श्री कृष्ण व जाम्बवन्त के युद्ध प्रसंग में वासुदेव जी द्वारा नौ दिन देवी अनुष्ठान किया तब श्री कृष्ण मणी व पत्नी जाम्बवन्ती के साथ द्वारिका लोट आये। दूसरे प्रसंग में सुघुम्न लड़की रूप में आ जाने पर इसी देवी अनुष्ठान द्वारा वापस पुरूष बन गए। इस कलिकाल मे ंकोई भी प्राणी अगर रोजाना एक अध्याय भी पढ या सुण लेता है तो उसकी मनोकामना देवी जगदम्बा पूर्ण करती हैं।
आरती का लाभ दुर्गाषंकर शर्मा, बाबूलाल माली, उतम शर्मा, श्याम माली पूर्व पार्षद, कथा की प्रसादी के लाभार्थी आईदानाराम आचार्य रहे। साधु संतो के भोजन की व्यवस्था श्याम माली पूर्व पार्षद के द्वारा की गई।

दुर्गाषंकर शर्मा
मो. 9460404653

error: Content is protected !!