कमठा मजदूर यूनियन बाड़मेर के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा, गोमरखधाम के महन्त राजुदास ने बोर्ड अध्यक्ष जगमालसिंह सासी को बताया कि घुमन्तु जातियों को आज भी गांव के बाहर रहने दिया जाता है तथा इनका कोई स्थाई बसेरा नहीं होने के कारण राजस्व रिकार्ड में भी नाम नहीं है।
मजदूर नेता ने बताया कि जोगी, कालबेलिया, गोडोलिया लौहार, मिरासी, लंगा, सांसी, भूमिहीन आवासहीन की जिन्दगी जी रहे है। आज समाज से लेकर शमषान तक जातियों में बंटा हुआ है जीते जी गांव के बाहर और मरने के बाद अन्तिम संस्कार के लिये संघर्ष करना पड़ता है आजाद भारत में आज भी कई ऐसी जातियां है। जिन्हंे सरकार की महत्वपूर्ण बी.पी.एल. आवास योजना नषीब नहीं हुई भूमिहीन होने के बावजूद आबादी भूमि में बसने नहीं दिया जाता। आज भी सैकड़ों रोषनी के बल्ब जलते मगर सरकार का एक बल्ब भी नहीं मिला। मजदूर नेता लक्ष्मण बडेरा ने कहा कि गांव के बाहर गांव के बाहर बसे झौपें में बसे इन लोगों को कई बार अतिक्रमी मानकर बेदखल किया जाता है। जिससे इनमें डर व्याप्त है। मजदूर नेता ने कहा कि सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना से भी यह वर्ग वंचित है। मजदूर नेता ने बोर्ड अध्यक्ष से कहा कि इन वर्गो की पहचान हेतू सर्वे करवाया जाकर योजनाबंद्ध तरीके से इनका विकास कर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की मांग की। सर्किट हाउस में घुमन्तु बोर्ड अध्यक्ष जगमालसिंह सांसी का माला पहनाकर स्वागत किया गया।
लक्ष्मण बडेरा
जिलाध्यक्ष