भक्तों के चरित्र से भगवान को प्रसन्नता होती है – महाराज

dsc_0522बाड़मेर 06.01.2017
गुलेच्छा ग्राउण्ड में चार दिवसीय नानी बाई रो माहेरा प्रसंग में लक्ष्मण दास महाराज ने बताया कि भगवान की लीला कथा से भक्तों को प्रसन्नता होती है और भक्तों की कथा से भगवान को प्रसन्नता होती है। जिस प्राणी के पूर्व काल के भक्ति कर पाता है। भक्ति हर किसी के वष की नहीं है भक्त बनना भी खाण्डे की धार पर चलना बराबर है। उसे जीवन में कई कसौटिया पार करनी पड़ती है। नरसी जी के पूर्व तीन काल का वर्णन करते हुऐ कहा तीन जन्म के पहले नरसी मुचुकुन्द राजा के रूप में जन्म लेकर भगवान से भक्ति का ही वरदान मांगा। आज हम प्रभु से अपने सांसारिक सुख सुविधाऐ मांगते है। पर एक सच्चा भक्त ही भक्ति मांगता है। नरसी अपने जीवन काल में अपना सारा धन प्रभू पर, संतो पर दीन की सेवा में लगा दिया। और पूर्ण समर्पण भाव से प्रभु भक्ति में लग गऐ। जब विष्वास अटल हो तो भगवान भी अपने ऐसे भक्तों के काम करने को तत्पर रहते है। हमें भी विष्वास भगवान का ही रखना चाहिए। क्योंकि जो जग संसार का भरोसा रखता है वह दुख पाता है और प्रभु का भरोसा रखता है उसके काम स्वतः हो जाते है। आज नरसी के जीवन की जीवन्त झांकिया भी बनी, जिन्हे देख श्रोता भूल उठे।
बाबूलाल माली ने बताया कि आरती का लाभ श्यामलाल माली पूर्व पार्षद ने लिया, प्रसादी का लाभ नरेष जी माली ने लिया मंच का सचालन महेष सोनी एडवोकेट ने किया।

दुर्गा शंकर शर्मा

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