वर्तनी, भाषा का प्रवेश द्वार है-डॉ केवलिया

bikaner samacharबीकानेर, 14 फरवरी। ‘वर्तनी, भाषा का प्रवेश द्वार है। भाषा की शुद्धता के लिए वर्तनी की शुद्धता जरूरी है। वर्तनी की अशुद्धता से भाषा के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो सकता है।’

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मदन केवलिया ने मंगलवार को सूचना केन्द्र में सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय तथा सेवर्स स्क्वॉयर के संयुक्त तत्वावधान् में आयोजित युवा संवाद की दूसरी कड़ी के तहत ‘हिन्दी वर्तनी में सुधार के उपाय’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि वर्तनी, भाषा की रीढ़ की हड्डी है। रूचि के बिना भाषा को सीखा नहीं जा सकता। भाषा सीखने के लिए ललक होनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्तनी की व्यावहारिक परेशानी और मात्राओं की अशुद्धि के कारण अर्थ का अनर्थ हो जाता है।

डॉ. केवलिया ने कहा कि आज हिन्दी, दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिन्दी भाषा की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसके उच्चारण एवं लेखन में फर्क नहीं होता। हिन्दी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि शुद्ध बोलने पर ही शुद्ध लिखी जा सकती है। भाषा की शुद्धता के लिए मात्राओं को सही ढंग से समझना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्णमाला शब्दशुद्धि का सबसे बड़ा साधन है। शब्द शुद्धि में वचनों का बड़ा महत्त्व है। उन्होंने बताया कि एकवचन की अंतिम दीर्घ मात्रा, बहुवचन में छोटी हो जाती है।

डॉ केवलिया ने कहा कि देवनागरी लिपि सर्वाधिक वैज्ञानिक लिपि है। इस वैज्ञानिकता को समझते हुए हमें हिन्दी लेखन की समझ बनानी चाहिए। केवल परीक्षा की दृष्टि से नहीं बल्कि व्यक्तित्व निर्माण में भी भाषा का अहम योगदान है अतः हमें भाषा से जुड़ी छोटी से छोटी अशुद्धि को सही करना चाहिए।

हमेशा बने रहें विद्यार्थी

डॉ केवलिया ने कहा कि सीखने के लिए उम्र या अन्य कोई बंधन आड़े नहीं आता, सीखने का सम्बंध केवल व्यक्ति की रूचि से है। इसलिए व्यक्ति को ज्ञानार्जन के लिए सदैव विद्यार्थी बने रहना चाहिए।

हिन्दी पर करें गर्व

डॉ केवलिया ने कहा कि हिन्दी पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने में सहायक भाषा है। इसकी विश्वव्यापी पहचान है। कम्प्यूटर में इस भाषा के प्रयोग को लेकर आधुनिक तकनीक विकसित हो रही है। हमें अपनी भाषा के प्रति गौरवान्वित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पटवारी से लेकर सिविल सेवा तक की परीक्षाओं में हिन्दी भाषा प्रतियोगियों के लिए अहम विषय है। इसमें शुद्धता से सफलता के प्रति सुनिश्चित हुआ जा सकता है।

इस अवसर पर जनसम्पर्क अधिकारी ने हरिशंकर आचार्य ने कहा कि इस आयोजन से प्रतियोगी परीक्षाओं में युवा बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि युवा संवाद कार्यक्रम के तहत भविष्य में भी युवाओं के लिए प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम का संचालन जिला परिषद् आईईसी समन्वयक गोपाल जोशी ने किया। इस अवसर पर पुस्तकालय अध्यक्ष राजेन्द्र भार्गव, सहायक जनसम्पर्क अधिकारी शरद केवलिया, भाग्यश्री गोदारा, डॉ मिर्जा हैदर बेग सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

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टायसन बुधवार को लेंगे बैठक

बीकानेर, 14 फरवरी। राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश टायसन बुधवार को प्रातः 11 बजे नगर निगम अधिकारियों व सफाई कर्मचारियों की बैठक लेंगे। वे दोपहर 1 बजे सर्किट हाउस में श्रीडूंगरगढ़, सरदारशहर, नोखा के अधिशासी अधिकारियों के साथ सफाई कर्मचारियों की समस्याओं के विषय मेंं बैठक लेंगे। टायसन गुरूवार को प्रातः 7 बजे जयपुर के लिए प्रस्थान करेेंगे।

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प्रशिक्षणार्थियों ने जाने तकनीकी गुर

बीकानेर, 14 फरवरी। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत संभाग स्तरीय आवासीय प्रशिक्षण के सातवें दिन प्रतिभागियों ने ग्राम पंचायत गजनेर का दौरा किया व योजना के तहत चल रहे कार्यों का भौतिक सत्यापन किया। इसके तहत माप, तकनीकी, वित्तीय स्वीकृति व कार्य की गुणवत्ता के बारे में भौतिक सत्यापन कर जानकारी प्राप्त की।

इस अवसर पर गजनेर सरपंच जेठाराम, सहायक अभियंता मनीष पूनियां, हरिनारायण सिंह प्रशिक्षण समन्वयक सुनील जोशी, कनिष्ठ तकनीक सहायक राजेश सांखला, ग्राम सेवक किशननाथ सिद्ध उपस्थित थे। प्रशिक्षण के तहत बुधवार को प्रशिक्षु जैसलसर, नोखा में चल रहे कार्यों का अवलोकन करेंगे। प्रशिक्षण में बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू के नवनियुक्त कनिष्ठ तकनीकी सहायक भागीदारी निभा रहे हैं।

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डूंगर कॉलेज के महिला प्रकोष्ठ में संगोष्ठी

बीकानेर 14 फरवरी। राजकीय डूंगर महाविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ द्वारा मंगलवार को युवा विकास केन्द्र में बालिका शिक्ष़्ाा पर व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्राचार्य डॉ. बेला भनोत ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।

इस अवसर पर गैर सरकारी संगठन एजुकेट गल्र्स की वरिष्ठ प्रबन्धक डॉ. नीलम रायसिंघानी ने बालिका शिक्षा में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका पर अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बनाई गई विभिन्न नीतियों के क्रियान्वन में एनजीओ की सकारात्मक भूमिका है। उन्हाेंने छात्रओं से भविष्य में इस दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। डॉ. रायसिंघानी ने कहा कि बालिका शिक्षा अभियान को तीन चरणों में पूर्ण किया जाता है। राजस्थान के 13 जिलों में संचालित इस अभियान के प्रथम चरण में विद्यालय न जाने वाली छात्रओं की गिनती की जाती है तथा द्वितीय चरण में बालिकाओं को विद्यालय लाने व उन्हें बनाये रखा जाता है। इसके तृतीय चरण में बालिकाओं को शिक्षित करने में विभिन्न प्रकार की पद्धतियों को उपयोग में लाया जाता है। महिला प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ. ज्योति कपूर भार्गव ने आभार व्यक्त किया।

पश्चिमी क्षेत्रीय कृषि मेला 18 फरवरी से

बीकानेर, 14 फरवरी। स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय परिसर में 18 से 20 फरवरी तक पश्चिमी क्षेत्रीय कृषि मेले का आयोजन किया जाएगा।

मेले में राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा एवं दो केन्द्र शासित प्रदेशों दादरा और नगर हवेली व दमन और दीव के किसान, कृषक महिलाएं, सरकारी, गैर-सरकारी, स्वायत्तशासी संस्थान भाग लेंगे।

प्रसार शिक्षा निदेशालय के निदेशक ने बताया कि मेले का मुख्य विषय “टिकाऊ खेती के लिए जलबचत प्रोद्योगिकी’ है। मेले में कृषि विकास सम्बन्धित विभिन्न प्रदर्शनियों व प्रयोगात्मक उपयोगी प्रदर्शन, मशरुम, मधुमक्खी पालन एवं बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति की जानकारी, उन्नत कृषि यन्त्र, खाद एवं बीजों, मिट्टी एवं पानी के नमूनों की निःशुल्क जांच की सुविधा होगी। साथ ही मेले में प्रदर्शनी सजावट प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। कृषि अनुसंधान केन्द्र, बीछवाल(बीकानेर) का भ्रमण, कृषि उत्पादन एवं पशुपालन सम्बन्धी विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों द्वारा समाधान एवं विचारगोष्ठी, सेम, लवणीय एवं क्षारीय भूमि की समस्या के समाधान के उपाय पर जानकारी दी जाएगी। 18 फरवरी को फसल दिवस के तहत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। इसी प्रकार 19 फरवरी को फल, सब्जी व फूल दिवस व 20 फरवरी को पशुपालन दिवस के तहत विभिन्न प्रतियोगिताओं, गोष्ठियों आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

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