अध्यापक की माँग को लेकर ग्रामीणों ने स्कूल के जड़ा ताला

अधिकारियों के आश्वासन पर माने ग्रामीण , सात दिनों में अध्यापक लगाने की की माँग।माँग पुरी नहीं होने पर दी धरना प्रदर्शन की चेतावनी

IMG-20170216-WA0168संजय मेघवाल मेनार।
जहाँ एक ओर सरकार विभिन्न योजनाएँ चलाकर शिक्षा पर लाखों रुपए खर्च कर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रही वहीं अधिकारियों की लापरवाही या मनमर्जी के चलते छात्रों की पढ़ाई चौपट होती है ,जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता हैं।ऐसा ही प्रकरण भीण्डर ब्लॉक के गुलाब नगर में स्थित एक स्कुल में देखने को मिला। जहाँ एक अध्यापक को रिलीव नहीं करने पर भी अधिकारियों की मनमर्जी से अन्य विभागों में लगा दिया।जिससे एक मात्र अध्यापक पर बच्चों की पढाई से लेकर डाक , बैठको में उपस्थित रहना , बी एल ओ जैसी सारी जिम्मेदारियाँ आ गई ।
ग्रामीणों ने जड़ा ताला –
ग्रामीणों को जब अध्यापकों की कमी के चलते पढ़ाई प्रभावित होने की जानकारी मिली तो गुस्साए अभिभावकों तथा विद्यालय विकास समिति के पदाधिकारियों ने गुरुवार को स्कूल के गेट पर ताला झड़ दिया। विद्यार्थियों को भी स्कूल में भेजने से मना कर स्कूल के बाहर ही बिठा दिया।गुस्साए ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की और चेतावनी दी कि अगर स्कूल में शिक्षकों की कमी को पूरा नहीं किया गया तो वह स्कूल में अनिश्चितकालीन तालाबंदी कर देंगे । धरना प्रदर्शन करेंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
गुरूवार को भी तालाबंदी के कारण स्कूल में उपस्थित एक मात्र अध्यापक को भी करीबन एक घंटे तक स्कूल के बाहर ही रहना पड़ा जोकि ग्रामीणों से समझाईश करते देखे गए । दोपहर बाद प्रधानाध्यापक के द्वारा शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर दुरभाष पर वार्ता करवाई और फिर अध्यापक रणजीत सिंह को बिना रिलिव किए डाइट कार्यालय पर ड्यूटी देरहा था उसको वहाँ से हटा देने की जानकारी दी । गुलाब नगर स्थित स्कूल में ही ड्यूटी देने के आश्वासन पर ग्रामीणों ने दोपहर बाद ताला खोल दिया।
तब प्रधानध्यापक ने बच्चों को पढाना आरंभ किया । ग्रामीणों से जानकारी मिली कि गुलाब नगर स्थित स्कूल पिछले काफी समय से शिक्षकों की कमी जूझ रहा तथा स्कूल के एक अध्यापक को डाइट पर गोवर्धन विलास कार्यालय पर लगा दिया था। विद्यालय विकास प्रबंधन समिति के प्रस्तावों की हुई अवहेलना-
विद्यालय विकास प्रबंधक कमेटी ने निर्णय लिया कि स्कूल से उक्त अध्यापक को रिलीव नहीं करें इस पर प्रधानाध्यापक गोपाल मेनारिया द्वारा रिलीव नहीं किया गया। इसके बावजूद अधिकारियों ने अपनी मनमर्जी से डाइट कार्यालय में लगा दिया ।जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए।एक मात्र प्रधानाध्यापक पर बच्चों की पढ़ाई , डाक व बी एल ओ जैसे कई कार्य होने के कारण विद्यालय से बाहर जाना पड़ता हैं ।ऐसे में बच्चे किसके भरोसे रहे ?
साथ ही विद्यार्थियों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।छात्रों द्वारा अभिभावकों को सुचना मिलने पर सुबह इस समस्या को लेकर ग्रामीण स्कूल पहुंचे तो स्टाफ से उन्हें पता चला की स्कूल से रणजीत सिंह टीचर डाइट उदयपुर कार्यालय में ड्यूटी दे रहा हैं , इससे अभिभावकों और विद्यालय कमेटी के पदाधिकारियों में और ज्यादा रोष पैदा हो गया।
– एक सप्ताह के अल्टीमेटम के बाद मामला हुआ शांत-

शिक्षा समिति के प्रधान ने आरोप लगाया कि गत दिनों भी उनके स्कूल से उसी टीचर को डाइट पर उदयपुर शिक्षा विभाग के गोर्धन विलास स्थित कार्यालय में लगा दिया था , जबकि प्रधानाध्यापक गोपाल मेनारिया ने विद्यालय प्रबंधक कमेटी द्वारा लिए गए निर्णयानुसार और पहले से चल रही अध्यापक की कमी से विद्यार्थियों की चोपट होती पड़ाई के प्रति विद्यालय प्रबंधक कमेटी और अभिभावकों के आक्रोश को देखते हुए विद्यालय से रिलिव नहीं किया था किन्तु अधिकारियों ने उसे रिलिव नही होने बाद भी उदयपुर ड्यूटी पर लगा दिया ।जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल के प्रधानाध्यापक गोपाल मेनारिया ने अभिभावकों को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। बाद में प्रधानाध्यापक ने इसकी सूचना जिला शिक्षा अधिकारी दी ।बाद में आश्वासन पर ग्रामीण शान्त हुए किन्तु चेतावनी भी दी यदि एक सप्ताह में अध्यापक नहीं लगाया गया तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

इनका कहना है-

” उदयपुर डाइट ऑफिस में पांचवी बोर्ड का कार्य होने की वजह से यहां के अध्यापक को लगाया गया है ।अगर यहां इस तरह से समस्या उत्पन्न हो रही है तो बहुत जल्द उनका फिर से यहीं पर गुलाब नगर स्कूल में ही व्यवस्था करवाता हूं”।
फूल चंद मीणा ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी ,पंचायत समिति भिंडर।

2-” विद्यालय विकास समिति में लिए प्रस्ताव के विरुद्ध बिना रिलीव किये अगर हमारे यहां से कोई अध्यापक डाइट ऑफिस में ड्यूटी करता है तो मैं अकेले बच्चों को कैसे संभालूं। अगर कोई हादसा होता है तो मेरी जिम्मेदारी नहीं”
-गोपाल मेनारिया प्रधानाध्यापक राजकीय प्राथमिक गुलाब नगर ,खेरोदा।

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