केन्द्रिय प्रत्यक्ष कर बोर्ड आयकर के दिषा-निर्देषों की कर अधिकारियों द्वारा अवहेलना

IMG20170218172445दिनांक 18 फरवरी 2017 को बीकानेर व्यापार उद्योग मण्डल कार्यालय में आयकर के संदर्भ में व्यापार मण्डल के अध्यक्ष षिवरतन अग्रवाल के नेतृत्व में व्यापारी वर्ग की बैठक रखी गई। इसमें व्यवहारियों ने आयकर विभाग की कार्यषैली पर प्रष्न चिन्ह लगाते हुए सीबीडीटी के द्वारा जारी दिषा निर्देषों की अवहेलना पर चिन्ता व्यक्त की। केन्द्रिय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने दिनांक 29 फरवरी 2016 एवं दिनांक 30 मार्च 2016 द्वारा जारी विज्ञप्तियो में कर दाताओं को आयकर बकाया मांग जमा कराने के संदर्भ में राहत देते हुए यह नीतिगत घोशणा की थी कि यदि कर दाता द्वारा बकाया मांग के संदर्भ में प्रथम अपीलीय अधिकारी (कमीषनर ऑफ इनकम टैक्स, अपील) के समक्ष अपील दाखिल कर रखी है तथा बकाया मांग का 15 प्रतिषत जमा करा चुके है उन मामलों में आगे की बकाया कर वसूली प्रक्रिया स्थगित रखने का निर्देष दे रखा है। किन्तु व्यापारियों द्वारा यह ध्यान में लाया गया कि इन प्रावधानों की पूर्ति करने के बावजूद कर निर्धारण अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से केन्द्रिय प्रत्यक्ष बोर्ड के दिषा निर्देषों के विपरीत बकाया मांग की स्टे अप्लीकेषन खारिज कर वसूली प्रक्रिया जारी रखी जा रही है। फलस्वरूप व्यापारियों को वित्तीय संकट तथा मानसिक परेषानी का सामना करना पड़ रहा है। व्यापार मण्डल ने पत्र लिख कर वित्त मंत्री तथा केन्द्रिय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के ध्यानाकर्शण हेतु पत्र भेजा है तथा केन्द्रिय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के दिषा निर्देषों का आयकर विभाग द्वारा की जारी अवहेलना पर चिन्ता व्यक्त की।
आयकर अधिनियम की धारा 115 बीबीई के तहत कर निर्धारण व सर्वे प्रक्रिया के दौरान लागू करारोपण की दर 75 प्रतिषत पर भी गंभीर चिन्ता व्यक्त की तथा सर्वे की कार्यवाही के दौरान पाए गये व्यापारिक संम्पत्तियों यथा स्टॉक, कैष इत्यादि के अंतर पर करारोपण 30 प्रतिषत अथवा 75 प्रतिषत की दर से होगा, इस पर भ्रम की स्थिति होने से व्यापारिक समुदाय पर पड़ने वाले अनुचित आर्थिक भार व दुश्प्रभाव पर गंभीर चिन्ता व्यक्त की गई तथा इस संबंध में स्थिति स्पश्ट करने हेतु केन्द्रिय प्रत्यक्ष कर बोर्ड तथा आयकर कार्यालय से निवेदन किया गया।
वर्तमान में लागू बेनामी संपत्ति कानून के प्रावधानों की कठोरता एवं अस्पश्टता तथा इससे होने वाली मनमानी कार्यवाही पर भी चिन्ता व्यक्त की गई। बजट में प्रस्तावित रिटर्न भरने की लेट फीस को 5000 से बढ़ाकर 10000 रुपये करने से आयकर दाताओं के समक्ष होने वाली कठिनाईयों पर भी विचार किया गया।
बैठक में अध्यक्ष षिवरतन अग्रवाल ‘फन्ना बाबू’ उपाध्यक्ष नरपत सेठिया, सह सचिव सुरेन्द्र पटवा, मोहनलाल राठी, कोशाध्यक्ष घनष्याम लखाणी, हेतराम गौड़, राजेन्द्र डीडवानिया, महेन्द्र अग्रवाल, गणेष बोथरा सहित अनेक व्यापारी उपस्थित थे।
घनष्याम लखाणी
कोशाध्यक्ष, बीकानेर व्यापार उद्योग मण्डल

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