खांप पंचायत का तुगलकी फरमान

दबंगों के तुगलकी फरमान और मक्कड़ जाल में फंसी विधवा महिला , उपखंड अधिकारी से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मीडिया के सामने पीड़िता ने किया पुरा वाकया बयान
zzसंजय मेघवाल/ मेनार। जहां एक और समूचे देश में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और उत्पीड़न की निंदा हो रही है ।वहीं महिलाओं के लिए सरकार भी विभिन्न प्रकार की महिला कल्याणकारी योजनाएं चला कर लाखों रुपए खर्च कर महिलाओं पर बढते अत्याचार पर अंकुश लगाने में प्रयासरत हैं और समय समय पर महिलाओं के उत्थान एवं उत्पीड़न की रोकथाम के लिए निर्देश दे दिए जा जाते हैं । इसके बावजूद भी महिलाओं पर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जी हां यहाँ हम बात कर रहे हैं जिले के वल्लभनगर उपखंड मुख्यालय से मात्र कुछ ही दूरी पर स्थित नाड़ियाखेड़ी गांव के पंचों और दबंगो के चंगुल में फसी एक विधवा अबला की।हम आपको बता दें कि इस गांव की विधवा महिला टमू बाई पत्नी भगा गुर्जर गांव के ही पंच और दबंगों की दबंगई और तुगलकी फरमान के जाल में इस कदर फंसी है कि वह आजाद भारत में गुलामों की तरह नश्वर जिंदगी गुजारने को मजबूर है । , वही गांव छोड़कर पलायन करने की भी नौबत उत्पन्न हो गई है । दैनिक नवज्योति से बयान किया है पीड़िता टमू बाई ने। इस पूरे घटनाक्रम पर आपबीती सुनाते हुए पीड़िता ने बताया कि करीब 30- 35वर्ष पूर्व उसके पति के द्वारा अन्य ग्रामीणों की तरह ही कुछ सरकारी भूमि पर कब्जा किया था जिसका उपयोग उपभोग वर्षों से करते आ रहे हैं। इसके बाद उसके पति की मृत्यु हो जाने के बाद गांव के दबंगों ने जमीन हथियाने के मकसद से पीड़िता पर शुरू किया कहर बरसाना।इसके तहत दंबगो के द्वारा चरागाह भूमि अतिक्रमण मुक्त करने के नाम से पीड़िता द्वारा कब्जा की भूमि खाली करवा किसी अन्य को सूपुर्द कर दी।इस पर पीड़िता ने विरोध किया तो दंबगो ने पंचायती कर महिला का हुक्का पानी बन्द कर न्योता बन्द कर दिया ।पीड़िता ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम में दो अध्यापक भी शामिल हैं ।अब न तो पीड़िता को काम पर बुलाने दिया जाता हैं ।और न ही किसी के काम पर जाने दिया जाता हैं ।और अगर कोई बुलाता हैं तो उसके भी न्योता बन्द कर जूर्माना वसूला जाता हैं ।महिला की तरफ बोलने वाले दो जनो से पूर्व में भी 50 – 50 हजार रुपये जूर्माना वसूला गया हैं ।इस कारण दंबगो के खिलाफ कोई बोलता भी नहीं हैं और अब उसकी स्वयं की जमीन भी हथियाने पर आमादा हैं।इसके लिए उसे गाँव छोड़कर चले जाने के लिए परेशान किया जा रहा हैं ।इस घटनाक्रम को लेकर पुलिस में भी पिड़िता ने गुहार की लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होने से वह उपखंड अधिकारी के समक्ष भी पेश हुई किन्तु वहाँ से भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला ।जिस पर पीड़िता ने पुरा वाकया उदयपुर न्यूज के सामने सुनाया और मीडिया के माध्यम से न्याय दिलवाने की गुजारिश की। कैप्शन-मेनार। विधवा अबला महिला अपनी आपबीती सुनाती हुई।

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