निबन्ध लेखन कर अपने रचनात्मक कौशल का परिचय दिया

IMG_20170325_113149बाड़मेर
विश्व जल सरंक्षण सप्ताह के 4 दिन निबन्ध लेखन के जरिये विधार्थियो ने जल सरंक्षण और जल बचत आज की जरूरत विषय पर मन की बात निबन्ध लेखन के जरिये लिखी। जल बचत आज की जरूरत विषय पर आयोजित निबन्ध लेखन प्रतियोगिता में 55 विधार्थियो ने शिरकत की। जन स्वास्थ्य अभियात्रिकी विभाग, केयर्न इंडिया और डब्लूएसएसओ के आईईसी अनुभाग द्वारा आयोजित किये जा रहे विश्व जल सरंक्षण सप्ताह के 4 दिन स्थानीय नर्सिंग प्रक्षिष्ण केंद्र में निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अशोकसिंह ने बताया कि।गत 22 मार्च से जलदाय विभाग, केयर्न इंडिया और डब्लूएसएसओ का संयुक्त आयोजन विश्व जल सरंक्षण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है जिसमे शनिवार को नर्सिंग प्रक्षिष्ण केंद्र के प्रबंधक नारायण किशोर चौधरी की अध्यक्षता में निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता से पहले विधार्थियो को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि आज पूरे भारत में पानी की कमी पिछले 30-40 साल की तुलना में तीन गुणा हो गयी है । देश की कई छोटी-छोटी नदियां सुख गयी हैं या सूखने की कगार पर हैं । बड़ी-बड़ी नदियों में पानी का प्रवाह धीमा होता जा रहा है ।कुएं सूखते जा रहे हैं । 1960 में हमारे देश में 10 लाख कुएं थे, लेकिन आज इनकी संख्या 2 करोड़ 60 लाख से 3 करोड़ के बीच है । हमारे देश के 55 से 60 फीसदी लोगों को पानी की आवश्यकता की पूर्ति भूजल द्वारा होती है, लेकिन अब भूजल की उपलब्धता को लेकर भारी कमी महसूस की जा रही है । पूरे देश में भूजल का स्तर प्रत्येक साल औसतन एक मीटर नीचे सरकता जा रहा है । नीचे सरकता भूजल का स्तर देश के लिए गंभीर चुनौती है ।इसके लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे। आयोजन में शंकर भवानी, मंगलाराम और राकेश कुमार ने निर्णायक की भूमिका अदा की। प्रतियोगिता में प्रथम , द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वालों को समापन समारोह में पुरुस्कृत किया जायेगा।

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