रंग-नगरी में पहला नाट्यालेख-कोष स्थापित

रंगकर्म मतलब आत्म-जागरण; हम सब रंगकर्मी

Press Note27-03-17 (6)बीकानेर 27/3/17 ( मोहन थानवी)। रंग-नगरी बीकानेर में “नाट्यालेख-कोष” की स्थापना सहित विश्व रंगमंच दिवस पर अनेक आयोजन हुए। स्वास्थ्य विभाग ने नुक्कड़ नाटक से रंगकर्मियों के दल से सेहतमंद रहने का संदेश प्रेषित करवाया। संगीत भारती द्वारा नाटक के अभिन्न अंग संगीत विषय के गुजरात से यहां आए शोधार्थियों को सम्मानित कर बीकाणे का गौरव बढ़ाया। मुक्ति संस्था व स्वामी कृष्णानंद फाउंडेशन द्वारा गरिमामयी समारोह में ढोलमारू होटल के सभागार में ‘रंगमंच की दिशा और दशा’ विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित कर रंगकर्म क्षेत्र के लिए समाज और राज्य को सकारात्मक होकर रंगमंच को सुदृढ़ बनाने के लिए अत्यावश्यक उपाय करने; साधन देने और संसाधनों का संरक्षण करने के यज्ञ में आहुतियां देने के स्वर बुलंद किए। यहीं पर गायत्री प्रकाशन के त्वावधान में संयोजक हरीश बी शर्मा की देखरेख में नाट्य स्क्रिप्ट बैंक का शुभारंभ की घोषणा की गई। दोनों आयोजक संस्थाओं व सखा संगम संस्थान समेत शहर के रंगकर्मी; साहित्यकार; पत्रकार प्रतिनिधियों ने रंगकर्मी मधु आचार्य ‘आशावादी’ का उनके जन्मदिवस पर अभिनंदन किया ।
कार्यक्रम अध्यक्ष कर्नल हेम सिंह; मुख्य अतिथि नगर विकास न्यास के अध्यक्ष महावीर रांका; विशिष्ट अतिथि कवि सरदार अली परिहार ; एन. डी. रंगा ने विचार विनिमय किए।
आगंतुकों का स्वागत फाउंडेशन के हिंगलाज दान रतनू ने किया। वरिष्ठ व्यंग्यकार-कहानीकार बुलाकी शर्मा ; कवि-आलोचक डॉ.नीरज दइया; वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण राधव ने रंगमंच व रंगकर्म पर अपनी बात साझा की। वरिष्ठ नाटककार दयानंद शर्मा ने बीकानेर की रंग यात्रा काो रेखांकित किया। कार्यक्रम में अनेक गणमान्य जन उपस्थित रह। कार्यक्रम का संचालन मुक्ति के सचिव राजेन्द्र जोशी ने किया । आभार साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने ज्ञापित किया।
– मोहन थानवी

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