एक ही जाजम पर बैठ दिया भाईचारे का संदेष

सूफी कांफ्रेस से बाड़मेर के नागरिकों ने गोरान्वित महसूस किया
सूफी संतो ने एक स्वर में कहा ऐसे आयोजन आज के समय की महती आवष्यकता
DE0A1390बाड़मेर 20 अप्रैल । ऐसे आयोजन आज के समय की महती आवष्यकता है। सूफी कांफ्रेस से एक धर्म का दूसरे धर्म को समझने का मौका मिलेगा इससे जुड़ाव होगा। ऐसे कार्यक्रम प्रदेष सहित भारतवर्ष में होने चाहिए। गुलामाने शौहदाए कर्बला कमेेटी द्वारा आयोजित सूफी कांफ्रेस में सभी धर्म जाति के सूफी संत, मुस्लिम धर्मगुरू, मौलवी इत्यादि ने एक ही स्वर में इस बात पर जोर देकर उपस्थित दर्षकों से कही। कार्यक्रम में हजारों की तादाद में माल गोदाम रोड़ पर हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामण्डलेष्वर महंत निर्मलदास महाराज ने कहा कि सूफी की मिसाल सूरज की रोषनी की तरह है जो सबके लिए समान है वैसे ही सूफी संत अपने नूर से हरेक को रोषनी देते है चाहे वो किसी भी धर्म जाति का हो। हिन्दुस्तान दुनिया का ऐसा मुुल्क है जहां सर्वधम सद्भाव का समागम देखने को मिलता है। महामण्डलेष्वर ने आज के हालातों पर भी खुलकर बयान दिया। मुख्य वक्ता मौलाना सूफी आफाक आलम नक्षबंदी ने कहा कि सूफी संत मुष्किल में सबके लिए दरवाजा खुला रखते है चाहे वो अपना हो या गैर हो। जो मजहब कदम-कदम पर शांति की दावत दे रहा है वो कभी अषांति का पैगाम नहीं दे सकता । सूफी संत हमेषा जोड़ते है तोड़ते नहीं।
वक्ता मौलाना नबील अख्तर नवाजी ने अपने सम्बोधन में कहा कि जो लोग इस्लाम के लिबास में आतंकवाद को अंजाम दे रहे है वो कभी मुसलमान नहीं हो सकते। ईस्लाम का दहषतगर्द से कोई तालुक नहीं है।
विषिष्ठ अतिथि महंत सिद्ध श्री मोटनाथ महाराज ने कहा कि धर्म के नाम भ्रमित जनता के ईष्वर प्राप्ति का नया मार्ग सूफी संतों ने बताया। उन्होनें पीराणा के इमामषाह पर भी बयान देकर उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। महंत खुषालगिरी महाराज ने कहा कि ऐसे आयोजन सभी मजहब, धर्म, जाति, को जोड़ते है ऐसे हर वर्ष होने चाहिए। हम साधु संत पुरा सहयोग करेंगें।
महंत नारायणपुरी महाराज ने कहा कि सूफी कांफ्रेंस अच्छी पहल है। बाड़मेर जिले में पहली बार ऐसा कार्यक्रम को लेकर मुस्लिम युवाओं को बधाई देता हॅू। यहां आने पर सबके मन साफ हो जाते है। सब जाति धर्म एक होकर रहे मिलजुलकर रहे। संत रामस्वरूप शास्त्री ने कहा इससे कौमी एकता, भाईचारा बढेगा जो मुल्क व समाज के लिए अति आवष्यक है। संत परमानन्द महाराज ने कहा सूफी संत के कार्यक्रम के माध्यम से आमजन को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। एकता का संदेष भारतवर्ष में पहुंचेगा। महंत अभयनाथ महाराज, मौलाना मौहम्मद रहीम, मौलाना मौहम्मद सिद्धिक कण्डला, मौलाना लाल मोहम्मद पेष ईमाम जामा मस्जिद, तेजदान चारण इत्यादि ने सूफी संतो की हकीकत, तालिमात, और हिन्दुस्तान की तामीर में सूफी संतो की सेवाओं पर विचार व्यक्त किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पीर सैयद गुलाम हुसैन जीलानी ने करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि अमनो शांति की बहाली में सूफी संतो का हमेषा अहम किरदार रहा है। सभीधर्म का एक जुट रहने की अपील की।
कार्यक्रम में षिवसेना जिलाध्यक्ष बसन्त खत्री, महासचिव प्रवीण जैन, भाजपा जिला महामंत्री कैलाष कोटड़ीया, गौस्वामी समाज के उपाध्यक्ष हीरगिरी, राजस्थान ब्राहमण महासभा कोषाध्यक्ष दिलीप दवे, वार्ड नम्बर 23 पार्षद गंगा विषन अग्रवाल, समाजसेवी तेजदान चारण, रणवीरसिंह भादू, मुस्लिम इंतजामिया कमेटी सदर मौहम्मद मंजूर कुरेषी, सचिव अब्दुल रषीद, मोमीन ब्रदर्स मंच के अबरार मोहम्मद, सैयद रमजान अली इत्यादि मंच पर उपस्थित थे। अनिल, बाबू भाई शेख, जाकिर हुसैन नियारगर, हारून कोटवाल इत्यादि विभिन्न समाज एवं संगठनों के पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम में गुलामाने शौहदाए कर्बला कमेटी के संयोजक इमरान खान गौरी, हासिम भाई, हसन भाई, आमीन कोटवाल, अमजद खान, नसरूदीन कुरेषी, शहीद नागौरी, मेहबूब गौरी, ईकबाल शेख, अमरूदीन, तोसीफ बेग, सईद मोहम्मद ने मेहमानों को माला पहनाकर स्वागत किया एवं शॉल ओढाकर स्मृति चिन्ह भेंट किए। शौहदाए कर्बला कमेटी ने संरक्षक अब्दुल रषीद की सराहनीय सेवाओं को मध्य नजर रखते हुए महंत निर्मलदास महाराज के हाथों स्मृति चिन्ह दिया गया। कार्यक्रम का आगाज मौलाना लाल मोहम्मद ने कुराने पाक की तिलावत से किया। तत्पष्चात सरक्षंक अब्दुल रषीद ने सूफी कांफ्रेस कार्यक्रम का उद्देष्य व प्रतिवेदन प्रस्तुत किया कार्यक्रम के मंच संचालक गुलाम रसूल टाक व मौलाना मोहम्मद हासिम ने किया। सूफी कांफ्रेस कमेटी को मंच पर मौजूद संत महाराज व धर्मगुरू ने आर्षीवाद दिया।

अब्दुर रषीद
सचिव
मो. 9414106725

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