नियुक्ति की शर्तो को मानने के लिए संस्था को बाध्य करते हुए अधिकरण का फैसला बहाल रखा
(राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर खण्डपीठ का मामला)
जयपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय की एकलपीठ के माननीय न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने राजस्थान गैर सरकारी शैक्षणिक संस्था अधिकरण, जयपुर के निर्णय को बहाल रखते हुये भास्कर एजूकेशनल सोसायटी, नई दिल्ली एवं मोहता औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, सादुलपुर, जिला-चूरू द्वारा प्रस्तुत रिट याचिका को खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी महेन्द्र सिंह चौहान की नियुक्ति उक्त संस्था में दिनांक 12.06.1986 को ग्रुप इन्सट्रक्टर के पद पर चयन समिति द्वारा सम्पूर्ण प्रक्रिया अपनाई जाकर की गई थी। तत्पश्चात् प्रार्थी को संस्था ने दिनांक 01.07.1988 को अधीक्षक के पद पर स्थायी नियुक्ति दी गई। संस्था के द्वारा अन्य कर्मचारियों को पांचवा वेतन आयोग दिया गया परन्तु प्रार्थी को पांचवे वेतन आयोग के अनुसार वेतन नहीं दिया गया इससे पीड़ित होकर के प्रार्थी ने राजस्थान गैर सरकार शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जिसे अधिकरण के द्वारा स्वीकार कर प्रार्थी को भी पांचवे वेतन आयोग के अनुसार वेतन भत्ते का लाभ 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दिया गया। उक्त निर्णय से पीड़ित होकर के संस्था द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका प्रस्तुत की गई और तर्क दिया कि संस्था गैर अनुदानित है। अतः पांचवे वेतन आयोग के अनुसार वेतन भत्ते देने के लिये बाध्य नहीं है इसके विपरीत प्रार्थी के अधिवक्ता डी.पी. शर्मा का तर्क था कि चूंकि प्रार्थी की नियुक्ति राजकीय वेतन श्रृंखला में की गई थी तथा नियुक्ति से लेकर लगातार तीसरा व चौथा वेतन आयोग दिया गया। अतः पांचवा वेतन आयोग के अनुसार भी संस्था वेतन देने के लिये बाध्य है क्योंकि नियुक्ति की शर्तो के अनुरूप प्रार्थी वेतन श्रृंखला में वेतन प्राप्त करने का अधिकारी है तथा संस्था द्वारा अन्य कर्मचारियों को पांचवे वेतन आयोग के अनुसार वेतन भत्ते दिये गये, ऐसी स्थिति में प्रार्थी को उक्त लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता। मामले की सुनवाई के पश्चात् एकलपीठ ने रिट याचिका खारिज कर दी।
