किषोरियों ने सरकारी अधिकारियों के समक्ष खड़े किए सवालः
ऽ स्कूल जाने में लगता है डर- स्कूल के पास दारू का ठेका क्यों खुला है?
ऽ टंकी बनी है पर पानी नहीं -पानी की सुचारू व्यवस्था कब होगी?
ऽ रात को घर से बाहर निकलने से लगता है डर -गांव में रोड लाइट क्यों नहीं?
जयपुर ,7 जून। हमारे गांव की स्कूल के पास अवैध रूप से दारू का ठेका चल रहा है। स्कूल जाते हैं तब शराबी छात्राओं के साथ छेड़खानी करते हैं। हमें स्कूल जाने से डर लगता है। रोज रास्ते में इन शराबियों से सामना करना पड़ता है। दारू का ठेका बंद करवाने के लिए कई बार प्रषासन को अवगत करवा चुके हैं, आखिर प्रषासन हमारी बात क्यों नहीं सुनता।
द हंगर प्रोजेक्ट राजस्थान की ओर से जयपुर में आयोजित किए गए दो दिवसीय महिला जनप्रतिनिधियों एवं किषोरी बालिकाओं के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम में आज भीलवाड़ा जिले के सहाड़ा ब्लॉक की आमली पंचायत से आई किषोरियों ने यह पीड़ा सरकारी प्रतिनिधियों के समक्ष जाहिर की। इंदिरा गंाधी पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास संस्थान के उप निदेषक अरूण कुमार ने किषोरियों के इन सवालों के जवाब दिए। इस संवाद कार्यक्रम में सिरोही जिले के आबूरोड व रेवदर और भीलवाड़ा जिले के सहाड़ा ब्लॉक की 31 किषोरियों व 11 महिला पंच- सरपंचों ने भाग लिया।
इन किषोरियों का कहना था कि गांव में दारू का ठेका बंद हो, मूलभूत सुविधाओं की सुचारू व्यवस्था हो, बिजली व पानी की अव्यवस्था न रहे यह सरकार व चुने हुए जनप्रतिनिधियों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए पर उनकी प्राथमिता महज वोटों तक सीमित रहती है। खंाखला पंचायत की किषोरियों ने बताया कि हमारी पंचायत में 20 साल पहले पाइप लाइन डाली गई थी जो आज पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। नई पाइप लाइन की स्वीकृति के लिए पिछले ढाई साल से मांग कर रहे हैं। पूर्व में पीएचईडी मंत्री किरण माहेष्वरी से भी मिलकर इस समस्या से अवगत करवा चुके है। इसके बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। पंचायत में पेयजल का संकट बना हुआ है।
इन किषोरियों का कहना था कि हम अपनी पंचायत में पानी की टंकी निर्माण की व्यवस्था कराना चाहती है ताकि पेयजल की समस्या से निजात मिल सके। हम पंचायत में सफाई व्यवस्था को भी दुरस्त करना चाहती है ताकि गांव का वातावरण साफ व स्वच्छ बन सके। पंचायतीराज महिला जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर हम महिलाओं के अधिकारों की पैरवी करना चाहती है। आत्मरक्षा के सीखे गुर- संवाद कार्यक्रम में आज किषोरियों ने सेल्फडिफेंस व राष्ट्रपति पदक विजेता रीचा गौड से आत्मरक्षा के गुर सीखे। रीचा ने किषोरियों की हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि जितनी हमारे लिए पढ़ाई जरूरी है उतनी ही हमारी सुरक्षा भी जरूरी है। कई बार ऐसी स्थिति हमारे सामने आती है जब हमें घर से अकेले बाहर निकलना पड़ता है। तब हमें अपनी सुरक्षा की चिंता सताती है। रीचा ने कहा कि आज ऐसी गंभीर स्थितियां आ गई हैं कि हम घर में भी सुरक्षित नहीं है। ऐसी स्थितियों में आत्मरक्षा करना जरूरी हो जाता है। उन्होंने किषोरियों से आहवान करते हुए कहा कि आपकी आवाज ही आपका हथियार है। अतः आपको अपनी आवाज को बुलंद करने की जरूरत है। इस सत्र में किषोरियों ने अपने अनुभव बताए कि कैसे उन्होंने अपने जीवन में छेड़छाड़ और असुरक्षा का समाना किया और उस स्थिति में हिम्मत करके मुकाबला भी किया। कार्यक्रम में विषाखा संस्था के प्रतिनिधियों ने किषोरी पहल योजना एवं यूथ काउंसलिंग सेंटर के बारे में जानकारी दी।
चिकित्सा मंत्री को दिया ज्ञापन- महिला जनप्रतिनिधियों व किषोरियों का एक प्रतिनिधिमंडल आज चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ से मिला। मंत्री से मिलकर रेवदर ब्लॉक की बालिका मंच से जुड़ी समूह की किषोरियों ने स्कूलों में विषेष बालिका स्वास्थ्य जांच कैंप लगवाने की मांग की। आबूरोड ब्लॉक की किषोरियों ने मांग की कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर माह में एक बार परामर्ष डे होना चाहिए ताकि किषोरियां अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर परामर्ष ले सकें। इन जनप्रतिनिधियों व किषोरियों ने धामसरा एवं गणका ग्राम पंचायत में उपस्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग की। भीलवाड़ा के सहाड़ा ब्लॉक की नेगडीया खेड़ा, गोवलीया खांखला, लाखोला उपस्वास्थ्य केंद्रों पर महिला नर्स लगवाने व सुरावास पंचायत के प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र को क्रमोन्नत करने की मांग की।
‘‘पिछले 25 साल से आमली पंचायत में दारू का ठेका चल रहा है। इस ठेके को हटाने के लिए हम पिछले 3 साल से लगातार प्रयास कर रहे हैं। ग्राम सभा में प्रस्ताव लिया। न्याय आपके द्वार षिविर में आए उपखंड अधिकारी का महिलाओं ने घेराव किया। अभी भी इस ठेके को हटाया नहीं गया है ‘‘- बादाम देवी जाट, वार्ड पंच, आमली पंचायत, सहाड़ा ब्लॉक
‘‘ पाइप लाइन काफी समय से क्षतिग्रस्त है। अभी तक भी इसकी मरम्मत का काम नहीं हुआ है। ना ही पंचायत में नई टंकी का निर्माण करवाया गया है। संबंधित विभाग सुनवाई ही नहीं कर रहा है‘‘ -कंचन देवी जाट, सरपंच लाखोला ग्राम पंचायत, सहाड़ा ब्लॉक भीलवाड़ा
‘‘ हमारे गांव में नल की व्यवस्था नहीं है। औरतों को 2 किलोमीटर की दूरी तय करके सिर पर रखकर पानी लाना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को काफी समस्याएं आती हैं। कहने को तो गांव में पानी की टंकी है पर पानी चार दिन से आता है। सरपंच,जिला प्रमुख, प्रधान, विधायक तक को इससे अवगत करवा दिया है पर उनकी ओर से सिर्फ आष्वासन ही मिलता है‘‘ -कविता जैन, (किषोरी) माझावास पंचायत, सहाड़ा ब्लॉक भीलवाड़ा
दो दिवसीय इस संवाद कार्यक्रम में किषोरियों ने संकल्प लिया कि अब वो किषोरी बालिका समूह बनाकर अपने- अपने क्षेत्रों में सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाएंगी। महिला जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर विकास से जुड़े मुद्दों पर निगरानी रखेंगी।
(विरेंद्र श्रीमाली)
कार्यक्रम अधिकारी
मो. 9413340182