सरकारी अस्पतालों का होगा कायाकल्प

कायाकल्प अवार्ड के सन्दर्भ में संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित

DSCN6532बीकानेर। सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले रोगियों को प्राइवेट अस्पताल जैसी सुविधाएं-सफाई मिल सकेगी, नियमित सफाई के साथ वार्डो में टॉयलेट भी चमकते नजर आएंगे। यह सब होगा कायाकल्प कार्यक्रम के तहत। कायाकल्प कार्यक्रम के अन्तर्गत मंगलवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में संभाग स्तरीय अवेयरनेस कम अस्सेसर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य चिकित्सा संस्थानों का स्वच्छता को प्रोत्साहन और संक्रमण नियंत्रण करते हुए उच्च मानदंडों पर सेवाओं-सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
राज्य स्तर से कायाकल्प कार्यक्रम के नोडल अधिकारी संयुक्त निदेशक परिवार कल्याण डॉ. रामबाबू जयसवाल ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान 2 अक्टूबर 2014 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ किया गया जिसमें सभी सार्वजनिक स्थलों पर साफ-सफाई को बढावा देने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। इसके तहत मई 2015 से राजकीय चिकित्सालयों में कायाकल्प कार्यक्रम के तहत साफ-सफाई, स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण के लिये पुरस्कार देने की एक राष्ट्रीय पहल आरंभ की गई। वर्ष 2017-18 में कायाकल्प पुरस्कार के तहत राज्य के 27 जिला अस्पतालों, 20 उप जिला अस्पतालों, 2 सैटेलाईट अस्पतालों, 565 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं 895 आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को शामिल किया गया है।
संयुक्त निदेशक, बीकानेर जोन डॉ. एच. एस. बराड़ ने बताया कि कायाकल्प कार्यक्रम के तहत 6 बिन्दुओं के आधार पर अस्पतालों का निरीक्षण किया जावेगा-
1. अस्पताल का रखरखाव 2. सैनिटेशन एंड हाइजीन
3. अपशिष्ट निस्तारण (बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट) 4. संक्रमण नियंत्रण
5. सपोर्ट सर्विस 6. हाइजीन प्रमोशन
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि स्वच्छता से 2 सीधे सीधे स्पष्ट लाभ होते हैं, एक तो इन्फेक्शन का नियंत्रण होता है दूसरा खुशनुमा वातावरण बनता है जिससे मरीज जल्दी ठीक होता है जिससे प्रति मरीज लागत कम होती है। उन्होंने जिले के अधिकाधिक अस्पतालों को कायाकल्प कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य स्तर पर पुरस्कार दिलाने की अपील की।
कार्यशाला में उपनिदेशक डॉ. संदीप अग्रवाल, आरसीएचओ डॉ. रमेश गुप्ता, डिप्टी परिवार कल्याण डॉ. राधेश्याम वर्मा, बीसीएमओ बीकानेर डॉ. सुरेन्द्र चौधरी, डीपीएम सुशील कुमार, आई.ई.सी. समन्वयक मालकोश आचार्य सहित संभाग के चारों जिलों के आरसीएचओ, पीएमओ, सीएचसी व आदर्श पीएचसी प्रभारी उपस्थित थे। 2 पारियों में चली कार्यशाला में सुबह की पारी में बीकानेर व चूरू के अधिकारियों तथा दोपहर की पारी में श्रीगंगानगर व हमुमानगढ़ के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।

मिलेंगे प्रोत्साहन पुरस्कार
डॉ. जयसवाल ने बताया कि इस पुरस्कार योजना में जिस अस्पताल में सबसे बेहतर सुविधाए-सफाई होंगी और जो प्रदेशभर में प्रथम स्थान पर रहेगा उसे राज्य सरकार द्वारा कायाकल्प प्रमाण पत्र के साथ-साथ 50 लाख रूपये तथा दूसरे स्थान पर रहने वाले जिला अस्पताल को बीस लाख रूपये दिए जाते हैं। प्रथम उपजिला या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को 15 लाख एवं 70 प्रतिशत से अधिक अंक वाले प्रत्येक आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को 2 लाख रुपये नकद पुरस्कार प्रदान किया जावेगा। इसके अतिरिक्त नकद सांत्वना पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

पेपर आउट है लाने हैं कम से कम 70 प्रतिशत अंक
सीएमएचओ डॉ. चौधरी ने कहा कि कायाकल्प कार्यक्रम के तहत सभी चिकित्सालयों को एक ऐसी परीक्षा से गुजरना है जिसका पेपर पहले से आउट किया हुआ है। सभी मानदंडों पर मिलने वाले अंक निर्धारित है और कम से कम 70 प्रतिशत अंक लाने हैं। प्रथम परीक्षण स्वयं अस्पताल की आतंरिक समिति द्वारा किया जाकर अंक दिए गए हैं द्वितीय परीक्षण निकटवर्ती अन्य अस्पताल की समिति द्वारा तथा फिर राज्य स्तरीय समिति द्वारा परीक्षण किया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
बीकानेर

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