प्रहलाद गुंजल जनता को भ्रमित करना बंद करें – धारीवाल

सबूत दे तो मैं राजनीति छोडूं दूं, नही ंतो गुंजल छोड़े राजनीति- धारीवाल
विकास कार्य नहीं, 30 करौड़ का महल है चर्चाओं में- धारीवाल
पूर्व नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने किया पलटवार

Shanti-Dhariwalफ़िरोज़ खान
कोटा 15 जुलाई।
अभी तक कोटा में 3 वर्षों में कोई काम जनता को करके नहीं दिखाया बैराज के समानांतर गलत डिजाइन से बन रहे पुल से गढ़ से लेकर टिपटा, कैथूनीपोल, व उधर किशोरपुरा तक ऐसा जाम लगेगा कि वहां पर घंटों यातायात जाम बना रहेगा। इनसे ना तो रंगपुर रोड पर रेलवे ओवरब्रिज, ना मोदी कॉलेज फ्लाईओवर और ना ही स्टेशन क्षेत्र में एलिवेटेड रोड बनने वाली लेकिन 30 करोड़ से अधिक की कीमत के महल के निर्माण का कार्य जनचर्चा में जरूर है।
नॉर्दन बाईपास का पूरा क्षेत्र गुंजल साहब के विधानसभा क्षेत्र में नहीं आता नॉर्दन बाईपास योजना हमारी सरकार की समय में ही 182 करोड़ रुपए नेशनल हाईवे से मंजूर करवाकर इसके टेंडर व जमीन की आवाप्ति का काफी काम हो चुका था, परंतु मौके पर कार्य शुरू होने से पहले चुनाव आचार संहिता लग गई वह सरकार बदल गई इसके बाद यदि इस योजना में किसी का कोई योगदान है तो भवानी सिंह राजावत का है जिन्होंने इस योजना को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। इस योजना के प्रस्ताव से लेकर 182 करोड़ रुपए की मंजूरी दिलवाना टेंडर व अवाप्ति के समस्त कागजात मेरे पास मौजूद हैं यदि इस योजना के बाबत प्रहलाद गुंजल साहब के पास कोई कागजात हो तो वह जनता को दिखाएं।
मेरे कार्यकाल में दो हजार करोड़ रुपए से अधिक के कार्य कोटा शहर में करवाए गए। इनमें दो रेलवे ओवरब्रिज, दो एलिवेटेड रोड, सकतपुरा में कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र में जल वितरण के लिए 130 एमएलडी का जल उत्पादन प्लांट तथा अनेको कार्य,ा हर वार्ड में 50 से 10 करोड़ तक के विकास कार्य के अलावा गरीब कमजोर परिवारों के लिए 15,000 मकान बनाएं। पर्यटन विकास के लिए सौंदर्यकरण के काम जैसे सेवन वंडर, गोपाल निवास एवं नागाजी का बाग, गणेश उद्यान वगैरह अनेकों कार्य किए गए 30000 से भी ज्यादा परिवारों को पट्टे बांटकर मालिकाना हक दिया गया। शहर में कई नई नई जगह पर सड़कों का निर्माण कराया गया ।
यूआईटी की वित्तीय हालत पर कहा गया है कि 1000 करोड़ का कर्जा हम छोड़कर गए हैं, तत्कालीन नगरी विकास मंत्री ने भी ऐसा ही कुछ आरोप लगाया था और मेरे द्वारा उन्हें चैलेंज किया तो उन्होंने अपनी गलतबयानी के लिए दुख प्रकट कर चुप्पी काट ली थी।
हम यूआईटी के पास 150 करोड़ रुपए छोड़कर गए थे उस समय यूआईटी पर 120 करोड़ का कर्जा था जिसको यूआईटी को 20 वर्षों की किस्तों में चुकाना था। नगर निगम को यदि आवारा मवेशियों की समस्या से निपटना है तो ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है यदि प्रहलाद गुंजल का सहयोग मिल जाए तो उनके मिलने वाले पशुपालकों को वह समझा सकते हैं वह जगह जगह जो खाली प्लॉट पर पत्थर डालकर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं उस समस्या से भी निपटा जा सकता है।
जो आरोप उन्होंने लगाए हैं वह साबित कर दें तो मैं राजनीति छोड़ने को तैयार हूं और उनके द्वारा जो बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं वह साबित करें या राजनीति छोड़ दें

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