किसानों के आगे मत्था टेकें सांसदगण

किसान मुक्ति यात्रा पहुँची आगरा-योगी सरकार से सभी किसानों के कर्जमुक्ति की माँग

मंगलवार 18 जुलाई की सुबह किसान यात्रा पहुँचेगी दिल्ली के जंतर मंतर

किसान मुक्ति यात्रा को देश भर के किसानों का मिल रहा है भरपूर समर्थन

IMG-20170716-WA0060अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने किया सांसदों से अपील- संसद भवन जाने से पहले पाँच मिनट की दूरी पर जंतर मंतर पहुँचकर किसानों के आगे मत्था टेकें सांसदगण, मंदसौर के शहीदों को दें श्रद्धांजलि
6 जुलाई को मध्य प्रदेश के मंदसौर से चली ‘किसान मुक्ति यात्रा’ अगले 36 घंटे में दिल्ली के जंतर मंतर पहुँच जाएगी। रविवार को यात्रा उत्तर प्रदेश पहुँच गई जहाँ से राज्य में चल रही किसान अधिकार यात्रा का भी मुख्य यात्रा में समागम हो गया। सोमवार को हरियाणा होते हुए अपनी दो मुख्य मांगों – ऋण मुक्ति और फ़सल की पूरी कीमत – के साथ भारी संख्या में किसान और देश के कई किसान नेता कापासहेड़ा बॉर्डर से मंगलवार को राजधानी दिल्ली में प्रवेश करेंगे।

आज किसान मुक्ति यात्रा के 11वें दिन की यात्रा बिशनगढ़ से शुरू हुई। लाडकबास में किसान नेता पूरन यादव, धोलाराम यादव, बलराम,जगमाल स्वामी, हनुमान स्वामी, मूलचंद कामलोडिया, विक्रम पुरुषार्थी, शैतान सिंह ने किसान मुक्ति यात्रा का स्वागत किया। इसके बाद पावटा की स्वागत सभा में नरेश कुमार आर्य, विनोद यादव, मनीष यादव, बब्लू यादव, दाताराम वर्मा, मुकेश वर्मा ने किसान नेताओं का स्वागत किया। कोटपुतली में जनसभा का आयोजन किया गया। जनसभा को सम्बोधित करते हुए योगेंद्र यादव ने देश के सभी सांसदों से अपील करते हुए कहा, “जब देशभर के बदहाल किसानों के प्रतिनिधि अपना हक मांगने और मंदसौर के 6 शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देने जंतर मंतर पर बैठे होंगे, उसी समय हमारे सांसद पाँच मिनट की दूरी पर जनता के प्रति अपना कर्तव्य निभाने संसद भवन में होंगे। कई सांसद हैं जिन्होंने किसानों की लड़ाइयां लड़ी हैं और ख़ुद को किसान-हितैषी भी बताते हैं। इसलिए किसानों की ये न्यूनतम अपेक्षा होगी कि उनके सांसद पाँच मिनट दूर स्थित जंतर मंतर पहुँचकर अपने अन्नदाता के आगे मत्था टेके, उनकी पीड़ा समझे, मंदसौर के शहीदों को श्रद्धांजलि दें और कृषि, किसान और देश बचाने के आंदोलन को मजबूत करें।”

सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि मैं कल संसद में प्रत्येक सांसद को पत्र सौंपकर उनसे अनुरोध करूँगा कि वे मेरे साथ जंतर-मंतर आकर मंदसौर के किसानों को श्रद्धांजलि दें और किसानों की माँगों का समर्थन करें। जनसभा में किसान नेता नित्येन्द्र मानव,किशन लाल गुरुजी,गोकुलचंद आर्य,रामेश्वर सिंह शेखावत,विक्रम यादव भी मौजूद रहे।

सभी किसान नेताओं ने अलवर में मीडिया को सम्बोधित किया।मीडिया को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के संयोजक वीएम सिंह ने कहा कि जो किसानों के हित में कार्य करते हुए कर्जमुक्ति करेगा और फसलों का पूरा दाम दिलाएगा वही देश में शासन करेगा। उन्होंने योगी सरकार से माँग की कि उत्तर प्रदेश के सभी किसानों की पूर्ण कर्जमुक्ति की जाए। डॉ. सुनीलम ने कहा कि जब भी किसान आंदोलन होता है तब ही किसानों पर लाठीचार्ज या गोलीचालन किया जाता है। उन्होंने कहा कि गोलीचालन की स्थिति में दोषी पुलिसकर्मियों पर आत्महत्या के मुकदमे दर्ज करने और अहिंसात्मक आंदोलन पर गोलीचालन ना किये जाने के लिए कानून बनाने की माँग की। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता गोरासिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों को हिरासत में लिए जाने की निंदा करते हुए कहा कि आज नहीं तो कल प्रधानमंत्री को किसानों से बातचीत करनी पड़ेगी। ततारपुर चौराहे पर स्वागतसभा आयोजित की गई। स्वागतसभा को सम्बोधित करते हुए किसान नेता रामपालजाट ने ग्रामवासियों से 17 जुलाई को होने वाले किसान कर्फ़्यू को सफल बनाने की अपील की।

प्रेसवार्ता में किसान नेता राजाराम सिंह(राष्ट्रीय महामंत्री-अखिल भारतीय किसान महासभा) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंदसौर में हुए गोलीचालन का जवाब देना चाहिए।

अलवर की प्रेसवार्ता में किसान नेता वीरेंद्र विद्रोही, शिफत मैनेजर,मुंशीखान और भारू सिंह रिशा भी मौजूद रहे।
किसान मुक्ति यात्रा में प्रत्येक दिवस एक महान किसान नेता को समर्पित किया जाता है। इसी कड़ी में आज का दिन महान किसान नेता चौधरी चरण सिंह को समर्पित है। किसान मुक्ति यात्रा किसान नेताओं चन्द्रशेखर(वाइस प्रेसीडेंट-ए. आई.के. एम. एस. तेलंगाना), सुंदर विमलनाथन(सचिव-साउथ इंडियन रिण्टरसिंकिंग फार्म्स एसोसिएशन-तमिलनाडु), पी एस शारदा(वाइस प्रेसीडेंट-स्वराज अभियान), लिंगराज(सचिव-पश्चिमी उड़ीसा कृषक संगठन), प्रेमसिंह गहलोत(राष्ट्रीय उपाध्यक्ष-अखिल भारतीय किसान महासभा हरियाणा), पुरुषोत्तम शर्मा(सचिव-अखिल भारतीय किसान महासभा उत्तराखंड), ईश्वरीप्रसाद कुशवाहा(सचिव-अखिल भारतीय किसान महासभा उत्तर प्रदेश), उपेंद्र सिंह(प्रदेश अध्यक्ष-राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश), हेमेंद्र चौधरी(प्रदेश उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन), भगतसिंह वर्मा(राष्ट्रीय अध्यक्ष-किसान मुक्ति मोर्चा उत्तर प्रदेश), राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन से रामवीर सिंह(मंडल अध्यक्ष-मेरठ), वीरपाल सिंह(जिलाध्यक्ष-हापुड़), ज़ोरावर सिंह(जिला अध्यक्ष-अमरोहा), ब्रम्हपाल सिंह(संगठन मंत्री-बुलन्दशहर), चमन सिंह(जिला महासचिव-अमरोहा), रविकांत तुपकर(स्वाभिमानी शेतकारी संगठन-महाराष्ट्र), दशरथ सावंत(भूतपूर्व अध्यक्ष-स्वाभिमानी शेतकारी संगठन महाराष्ट्र), प्रोफेसर प्रकाश पोफले(प्रेसीडेंट-स्वाभिमानी शेतकारी संगठन महाराष्ट्र), दीपक पगार(अध्यक्ष-उत्तर महाराष्ट्र किसान शेतकारी संगठन), बापूसाहेब कारांडे,सागर शम्भूशेटे(स्वाभिमानी शेतकारी संगठन कोल्हापुर), जगदीश ईनामदार(स्वाभिमानी शेतकारी संगठन), रुलदूसिंह(राष्ट्रीय अध्यक्ष- अखिल भारतीय किसान महासभा), गुर्णमसिंह(सचिव-अखिल भारतीय किसान महासभा मध्यप्रदेश) सहित 15 राज्यों के 150 यात्रियों के नेतृत्व में निकाली जा रही है।

मंदसौर के गोलीचालन, बारदौली और खेड़ा की विरासत को याद करते हुए यह यात्रा नर्मदा के विस्थापित किसानों के संघर्ष से जुड़ी साथ ही व्यारा के आदिवासी महिलाओं और मेहसाणा में दलित संगठनों के आज़ादी कूच का हिस्सा बनी। यह किसान मुक्ति यात्रा मध्यप्रदेश के मंदसौर से शुरू होकर 6 राज्यों से होती हुई 18 जुलाई को दिल्ली के जंतर-मंतर पहुँचेगी। इस यात्रा के साथ हज़ारों की संख्या में किसान जंतर-मंतर पहुँचेंगे।जंतर-मंतर पर पहुँच कर यह यात्रा एक अनिश्चित कालीन धरने में परिवर्तित हो जाएगी जिसमें देश भर के 200 से भी अधिक किसान संगठन शामिल होंगे।

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