मैनेजमेंट ऑफ फ्ल्यूरोसिस पर व्याख्यान आयोजित

bikaner samacharबीकानेर, 18 जुुलाई। सरदार पटेल आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के काउन्सिल हॉल में मंगलवार को ‘डायग्नोसिस एंड मैनेंजमेंट ऑफ फ्ल्यूरोसिस’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। फ्ल्यूरोसिस फाउण्डश्ेशन ऑफ इंडिया की चेयर पर्सन डॉ ए. सुशीला ने इस विषय पर व्याख्यान दिया तथा इसके लक्ष्णों पर चर्चा कर इस निदान की जानकारी दी।

डॉ सुशीला ने बताया कि फ्ल्यूरोसिस अलग-अलग प्रकार से शरीर के विभिन्न अंगों पर अपना प्रभाव डालता है तथा डेंटल व डेंटल ऑफ फ्ल्यूरोसिस के अतिरिक्त अन्य कई लक्ष्णों से भी इसकी पहचान कर निदान किया जा सकता है। महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ आर. पी. अग्रवाल ने बताया कि सरदार पटेल आयुर्विज्ञान महाविद्यालय ब्लड व यूरीन की जांच के माध्यम से फ्ल्यूरोसिस की पहचान करने वाला प्रथम आयुर्विज्ञान महाविद्यालय बनेगा। डॉ सुशीला फ्ल्यूरोसिस की अन्तर्राष्ट्रीय परामर्शदात्री के साथ राजस्थान में इस विषय पर काम कर रही है।

इस अवसर पर डॉ लियाकत अली गौरी, डॉ रंजन माथुर, समस्त विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य व स्टाफ उपस्थित थे। कार्यक्रम का समन्वय डॉ रेखा आचार्य तथा डॉ जितेन्द्र आचार्य ने किया।

चक्रीय कार्यक्रम जारी

बीकानेर, 18 जुलाई। संभागीय आयुक्त एवं पदेन आयुक्त क्षेत्रीय विकास, इंदिरा गांधी नहर परियोजना सुवालाल ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना की नहरों को खरीफ फसल के दौरान 21 जुलाई सुबह 6 बजे से 15 अगस्त शाम 6 बजे तक इंगानप स्टेज प्रथम एवं द्वितीय की नहरों को 3 समूहों में बांटकर एक समूह में चलाने के लिए समूहों की वरियताएं एवं चक्रीय कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।

इसके अनुसार 21 जुलाई को प्रातः 6 से 29 जुलाई को सायं 6 बजे तक ग्रुपों का वरीयता समूह ग, क, और ख होगा। 29 जुलाई को सायं 6 बजे से 7 अगस्त को प्रातः 6 बजे तक ग्रुपों का वरीयता समूह का क्रम क, ख और ग तथा 7 अगस्त को प्रातः 6 बजे से 15 अगस्त को सायं 6 बजे तक ग्रुपों का वरीयता समूह ख, ग और क रहेगा।

संभागीय आयुक्त ने बताया कि छोटी नहरों का रोटेशन साढे सात दिन में पूरा हो जाने के कारण उन्हें साढे सात दिन चलाने के बाद बंद कर दिया जाएगा। शेष 1 दिन मुख्य नहर व शाखाओं के क्रॉस रेगुलेटर पर वांछित जल स्तर बनाए रखने के लिए होगा। यह समय इंदिरा गांधी मुख्य नहर की बुर्जी संख्या 620 का है। अन्य हैडों पर पानी पहुंचाने में लगने वाले समय को दृष्टिगत रखते हुए रेगुलेशन किया जाएगा। नहरों को 3 में से 1 समूह में चलाते समय यदि प्रथम समूह की वरीयता की नहरों को आवश्यकता से अधिक जल प्राप्त होता है तो द्वितीय एवं तृतीय वरीयता समूहा की नहरों में पानी छोड़ा जाएगा।

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