न्यायिक कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति सरकार संवेदनहीन

bikaner samacharबीकानेर, 24 जुलाई। राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के प्रांतीय प्रतिनिधी अविनाष आचार्य ने धरना स्थल पर कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा है कि सरकार तथा राजस्थान उच्च न्यायालय प्रषासन कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति संवेदनहीन है। माननीय सुप्रीम कार्ट के आदेष के बावजूद न्यायिक कर्मचारियों को दूसरी बार आन्दोलन करना पड़ रहा है जो दुर्भागयपूूर्ण है। शेट्टी पे कमीषन की सिफारिषों और सुप्रीम कोर्ट के आदेष के बाद राजस्थान के तत्कालीन न्यायिक अधिकारियों के लिये उच्च न्यायालय प्रषासन तथा राज्य सरकार द्वारा सभी आक्षेपों को पूर्ण करवाकर 2005 तक सभी लाभ ले लिये गये। उसी शेट्टी कमीषन की सिफारिषों को सुप्रीम कोर्ट के आदेष के बाद भी लागू करवाने के लिये मजबूरन सामुहिक अवकाष लेकर आंदोलन करना पड़ रहा है।
शेट्टी आयोग की अनुषंशाओं को अधीनस्थ न्यायालयों में कार्यरत कर्मचारीगण को देने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय 31 दिसम्बर, 2015 के जरिए अनुमोदित करने उपरांत भी राज्य सरकार द्वारा उक्त आदेश को जानबूझकर नहीं मानने के कारण प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देशानुसार राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ, जिला शाखा- बीकानेर के मार्गदर्शन में समस्त बीकानेर न्यायक्षैत्र में कार्यरत कर्मचारीगण पिछले पॉंच दिनों से सामुहिक अवकाश पर रहकर आंदोलन कर रहे है।
संघ कें अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र नारायण जोशी, सचिव श्री जहांगीर हुसैन तंवर व प्रांतीय प्रतिनिधिगण सर्वश्री गिरीराज बिस्सा, अविनाश आचार्य, न्यायिक कर्मी रामकुमार हर्ष, प्रकाश मोदी व अनन्त किशोर किराड़ू ने कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज पिछले पॉंच दिनों से समूचे प्रदेश की न्यायिक व्यवस्था ठप्प हो चुकी है जिससे अभिभाषकगण, संबंधित पक्षकारान् के साथ साथ आम जनता भी प्रताड़ित हो रही है और उन्हें न्याय मिलने में अनावश्यक रूप से विलम्ब पहुंच रहा है। इसके साथ ही कई वक्ताओं ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पालना नहीं करने बाबत् माननीय प्रधानमंत्री को भी अवगत करवाया जाकर सूचित करने एवं राजस्थान की न्यायिक व्यवस्था को पुनः सुचारू रूप से संचालित करवाने के लिए मुख्यमंत्री को निर्देश देने हेतु कहा गया।
आन्दोलनरत् न्यायिक कर्मचारी सर्वश्री मोहम्मद अनीश, गुलजार भाटी, शिवशंकर खत्री, दिनेश मीणा, किसन सेवग, विजय कुमार साध, अरूण शर्मा व मनोज व्यास ने अपने तेजस्वी उद्बोधन में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शेटटी आयोग की सिफारिशो के संबंध मे माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशो की पालना राज्य सरकार द्वारा जानबूझकर नहीं करने से न्याय व्यवस्था की गति पर विराम लग चुका है और इस परिस्थिति का प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से प्रतिकूल असर समाज के सभी वर्गों पर पड़ रहा है एवं अनर्गल रूप से वे भारी खामियाजा भुगत रहे है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं दो दो माननीय न्यायाधीशें की रिपोर्ट एवं पूर्णपीठ द्वारा अनुमोदित किए जाने के पश्चात् भी अब तक यह सिफारिशें राज्य सरकार द्वारा लागू नहीं की गई है। चॅूंकि यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय की प्रतिष्ठा एवं सम्मान का प्रश्न होने से शेट्टी पे कमीशन की सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू करने हेतु जिला कलक्टर, बीकानेर के माध्यम से माननीय राज्यपाल महोदय, राजस्थान राज्य, जयपुर के नाम सम्बोधित ज्ञापन भी प्रेषित किया गया है।
धरना स्थल पर बीकानेर बार एसोसिएशन के कॉमरेड नेता श्री बजरंग छीपा, अखिल भारतीय विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट डॉ. रामकिशन गोयनात, अधिवक्ता श्री जगदीश सेवग व श्री सुखाराम दावा ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए शेट्टी पे कमीशन की सिफारिशों को कर्मचारियों का कानूनी अधिकार बताते हुए इसे माननीय उच्च न्यायालय प्रशासन एवं राज्य सरकार द्वारा यथाशीघ्र लागू करने हेतु सरकार को सद्बुद्धि देने की अपेक्षा करते हुए अपना समर्थन देने की घोषणा की।

(अविनाष आचार्य)
प्रांतीय प्रतिनिधि
राज.न्यायिक कर्मचारी संघ,
जिला शाखा बीकानेर

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