मुख्यमंत्री श्रीमती राजे के संवेदनशील निर्णय की बदौलत पूरा होगा सपना
बीकानेर, 10 अगस्त। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के संवेदनशील निर्णय की बदौलत रूपा यादव का डॉक्टर बनने का सपना अब पूरा हो सकेगा। परिवार की माली हालत उसके आड़े नहीं आएगी और बाल विवाह का दंश झेल झुकी रूपा, समाज के लिए एक मिसाल बनेगी।
महज आठ साल की उम्र में बाल विवाह के बंधन में बंधने वाली रूपा ने प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद शिक्षा की ज्योति जलाए रखी और एमबीबीएस में चयनित होकर मिसाल प्रस्तुत की। इसके बावजूद रूपा की परेशानियां समाप्त नहीं हुईं, हालांकि बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में उसका दाखिला हो गया, लेकिन इस पर होने वाला व्यय वहन करना उसके और उसके परिवार के वश की बात नहीं थी।
मुख्यमंत्री श्रीमती राजे को जब रूपा की परिस्थिति एवं लगन की जानकारी हुई, तो उन्होंने तत्काल रूपा की मदद करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला कलक्टर अनिल गुप्ता ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गुरूवार को ही सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज पहुंचकर रूपा से मुलाकात की। उन्होंने समूची स्थिति की जानकारी लेते हुए रूपा की एमबीबीएस की सम्पूर्ण शुल्क, पुस्तकों एवं हॉस्टल की समूची व्यवस्था निःशुल्क करवाने के लिए प्राचार्य डॉ आर पी अग्रवाल को निर्देशित किया। उन्होंने रूपा का बैंक खाता खुलवाने को कहा तथा उसे आश्वस्त किया कि शिक्षा व्यय पर होने वाली आवश्यकता के लिए भविष्य में भी राशि उपलब्ध करवाई जाएगी।
रूपा ने कहा कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की संकल्पना के साथ मुख्यमंत्री श्रीमती राजे के इस निर्णय की बदौलत अब वह डॉक्टर बन सकेगी। उसने बताया कि बाल विवाह के बाद उसे अपनी किस्मत से भरोसा उठ गया था। इस दौर में ससुराल वालों ने उस पर भरोसा जताया, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण उसे अनेक परेशानियाें का सामना करना पड़ा। रूपा का कहना है कि वह सरकार द्वारा प्राप्त इस मदद को कभी नहीं भूलेगी और आगे चलकर ग्रामीण क्षेत्र में सेवा करनी चाहेगी। वह अपनी पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभारी है। वह मानती है कि उसका उदाहरण समाज में बेटियों को बोझ समझने वाले लोगों की सोच में बदलाव आएगा।
– मोहन थानवी