दुनिया भर में मुक्ति संग्रामों के सहभागी थे शौकत उस्मानी-शर्मा

कादम्बिनी क्लब द्वारा लेखक,शायर,स्वतन्त्रता सेनानी शौकत उस्मानी पर गोष्ठी का आयोजन

zzश्री शौकत उस्मानी भारत माता के ऐसे सपूत थे जिन्होंने न केवल भारत के स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वरन पूरी दुनिया में जहां भी मुक्ति संग्राम हुए उनमे अपनी सक्रिय सहभागिता की । देश की आजादी में जिन सपूतों ने बलिदान किया उनके बलिदान भूलना नही चाहिए।शौकत उस्मानी बीकानेर के जाए जन्मे सपूत थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया । ये विचार बीकानेर के पूर्व मेयर श्री भवानी shankar शंकर शर्मा ने आज स्थानीय होटल मरुधर हेरिटेज के विनायक सभागार में बीकानेर कादम्बिनी क्लब द्वारा आयोजित एक विशेष विचार गोष्ठी में प्रकट किये । कार्यक्रम के प्रारंभ में क्लब के संयोजक डॉ. अजय जोशी ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि शौकत उस्मानी न केवल स्वाधीनता सेनानी थे वरन एक अच्छे शायर और लेखक भी थे। स्वाधीनता दिवस के सन्दर्भ में उनके योगदान पर चर्चा करना बहुत प्रासंगिक है उनके बारे में आज की युवा पीढ़ी को अधिकाधिक जानकारी देनी चाहिए ताकि वो उनसे प्रेरणा ले सके।
गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में विचार प्रकट करते हुए शौकत उस्मानी फाउंडेशन से जुड़े श्री अविनाश व्यास ने कहा कि श्री उस्मानी ने बीकानेर में जैन समाज के उपासरों में पढ़ाई की साथ ही देश भर में घूमते हुए उन्होंने हिंदी उर्दू अरबी आदि भाषाओं को सीखा। वे राजस्थानी भाषा के हिमायती थे। वे गरीबों के सहायक और मजदूर आंदोलनों के प्रणेता थे। दूसरे प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ.ज़िया उल हसन कादरी ने कहा कि देश की स्वाधीनता के लिए उनको वर्षों तक जेल में रहना पड़ा । जेल में उनको लोहे की बेड़ियों से जकड कर रखा जाता था। इसलिए उनके पैरों में बेड़ियों के स्थाई निशान बन गये थे। श्री शौकत उस्मानी कहते थे कि अंग्रेजों से माफ़ी मांगने की बजाय वे खुद अपनी कब्र खोद कर उसमे दफ़न हो जाना बेहतर समझते हैं ।
कार्यक्रम में युवा शायर असद अली असद ने श्री शौकत उस्मानी पर खुद द्वारा लिखा गया रेडियो रूपक प्रस्तुत किया जिसको आकशवाणी द्वारा प्रसारित भी किया गया था। उन्होंने बताया कि श्री उस्मानी देश की आजा़दी के लिए सोलह साल जेल में रहे । इनके मुकदमों की पैरवी पंडित मोतीलाल नेहरु,जवाहर लाल नेहरु एंव डॉ.अंसारी किया करते थे। उन्होंने हिन्दी,उर्दु और अंगरेजी में अठारह किताबें लिखी।उन्होंने बीकानेर से चलकर अफगानिस्तान के रास्ते पैदल रुस जाकर लेनिन और स्टालिन से भारत की आजादी के लिए हथियार मांगे।
इस कार्यक्रम में सेसोमु कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरसिंह बिन्नानी ने कहा कि श्री शौकत उस्मानी का व्यक्तित्व और कृतित्व समाज के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है । श्री मोहन लाल जांगिड ने कहा कि ऐसे जननायकों पर पूरे बीकानेर को गर्व है। साहित्यकार श्रीमती कांता चाडा ने कहा कि श्री शौकत उस्मानी के बारे में तथ्यपरक जानकारी जुटाकर उसको स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए ।कार्यक्रम में शायर रहमान बादशाह ने उनके द्वारा लिखा कलाम पढ़कर सुनाया।
साहित्यकारों तथा समाज के प्रबुद्ध लोगों ने अपने विचार प्रकट किये । कार्यक्रम का संचालन असद अली असद ने किया और आभार ज्ञापन कर्मचारी क्लब के सह संयोजक डॉ. नरसिंह बिन्नानी ने किया ।
डॉ. अजय जोशी
संयोजक
कादम्बिनी क्लब,बीकानेर -334001
मोबाइल 09424968900

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