कोई भी व्यक्ति निरक्षर नहीं रहे-संसदीय सचिव

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर कार्यक्रम आयोजित,उल्लेखनीय कार्य करने वाले हुए सम्मानित

bikaner samacharबीकानेर, 8 सितम्बर। संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि ग्रामीण जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के निरक्षर व्यक्तियों को साक्षर बनाने का बीड़ा उठाएं। देश के शत-प्रतिशत लोग पढ़े-लिखे तथा आत्मनिर्भर हों, हमें इस दिशा में सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है।

संसदीय सचिव शुक्रवार को 51वें अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर राजकीय महारानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के प्रयासों से साक्षरता दर में आशातीत वृद्धि हुई है, लेकिन कोई भी व्यक्ति निरक्षर नहीं रहे, हमें यह संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति कुछ करने की ठान ले तथा इसके लिए उसके मन में जिज्ञासा व जुनून हो तो, किसी भी सफलता को हासिल कर सकता है।

डॉ. मेघवाल ने कहा कि राज्य सरकार भी इस दिशा में संवेदनशीलता से कार्य कर रही है। प्रत्येक ग्राम पंचायत पर विद्यालयों को उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत किया जा रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा को सर्वाधिक प्रोत्साहन दिया जाए। एक पढ़ी-लिखी बालिका दो परिवारों को रोशन करती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है, तो शत प्रतिशत लोगों को साक्षर बनाना होगा। उन्होंने कौशल विकास पर जोर देते हुए कहा कि युवा आत्मनिर्भर बनें। भारत को युवाओं का देश बताते हुए उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया की नजर हमारी ओर है।

महापौर नारायण चौपड़ा ने कहा कि देश की 25 से 30 प्रतिशत आबादी अब भी शिक्षा की मुख्यधारा से दूर है। इन तक शिक्षा के अवसर उपलब्ध करवाने होंगे। उन्होंने कहा कि आज बेटियां भी शिक्षा के क्षेत्र में परचम फहरा रही हैं। उन्हाेंने कहा कि शिक्षार्जन की कोई आयु नहीं होती। व्यक्ति जब चाहे तब कुछ नया सीख सकता है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी.आर. मीणा ने कहा कि निरक्षर को साक्षर बनाना पुण्य का कार्य है। इस दिशा में कार्य कर रहे व्यक्तियों के प्रयास अनुकरणीय हैं।

जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी अशोक सोलंकी ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा साक्षरता दिवस की प्रासंगिकता के बारे में बताया। इस दौरान साक्षरता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 26 संरपचों, 27 केन्द्राधीक्षकों, 30 प्रेरकों एवं 23 स्वंयसेवी शिक्षकों के साथ 20 साक्षरता कर्मियों एवं केन्द्रीय कारागृह में सहयोगी संस्था महावीर इन्टरनेशनल के अध्यक्ष पूर्ण चंद राखेचा, महेन्द्र जैन, डॉ. नीरज दइया, डॉ. रेणुका व्यास, प्रदीप सिंह राजपुरोहित, अंशु भल्ला तथा रामदेव ओझा आदि को सम्मानित किया गया। इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। सहायक परियोजना अधिकारी राजेन्द्र जोशी ने आभार जताया।

विद्यार्थियों ने दी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुत

कार्यक्रम की शुरूआत महारानी स्कूल की बालिकाओं ने सरस्वती वंदना से की। हीरालाल सौभाग्यमल रामपुरिया विद्यानिकेतन, दयानंद पब्लिक स्कूल, बाफना स्कूल, मेलबॉर्न, सूरसागर सेकण्डरी स्कूल तथा मातृसेवा सदन के विद्यार्थियों ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सेवाश्रम के विशेष बच्चों ने प्रभावी प्रस्तुति से सभी का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया।

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