मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का तीसरा चरण इतिहास बनाएगा

धार्मिक समन्वय ट्रस्ट प्रकोष्ठ की पहली बैठक हुई सम्पन्न

DSC_0038जयपुर, 12 सितंबर। ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ का पहला और दूसरा चरण बेहद सफल रहा है और लोग इतने उत्साहित हैं कि तीसरा चरण एक इतिहास बनाएगा। यह कहना है जलदाय मंत्री श्री सुरेंद्र गोयल का।

जलदाय मंत्री शासन सचिवालय में मंगलवार को धार्मिक समन्वय ट्रस्ट प्रकोष्ठ की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ के पहले और दूसरे चरण में धार्मिक ट्रस्टों के जरिए लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए नगद और करोड़ों रुपए श्रम एवं सामग्री के द्वारा प्राप्त किए गए। उन्होंने कहा कि जिस तरह पहले और दूसरे चरण में संतों के आशीर्वचन और भरपूर जनसहभागिता से ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ से बेहतरीन परिणाम देखने को मिले उसी तरह की उम्मीदें तीसरे चरण से भी है। ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ के तीसरे चरण में धार्मिक ट्रस्टों और संगठनों की भागीदारी को और अधिक प्रभावी बनाने और योजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए यह बैठक आयोजित की गई थी।

बैठक में प्रदेश के सभी संभागों के धार्मिक ट्रस्टों की जिलेवार जिम्मेदारी भी तय की गई। जलदाय मंत्री श्री सुरेंद्र गोयल जहां अजमेर और जयपुर संभाग के धार्मिक ट्रस्टों से सहयोग लेंगे वहीं उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी कोटा व उदयपुर, राजस्व मंत्री श्री अमराराम जोधपुर और देवस्थान मंत्री श्री राजकुमार रिणवा बीकानेर और भरतपुर संभाग की कमान संभालेंगे। बैठक में यह भी प्रस्तावित किया गया है कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में चयनित गांवों के अलावा किसी अन्य गांवों में यदि धार्मिक ट्रस्ट काम करवाना चाहते हैं तो ऐसे में या तो संपूर्ण राशि या फिर न्यूनतम 50 फीसदी राशि धार्मिक ट्रस्ट द्वारा ही खर्च की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ के तीसरे चरण में प्रदेश के 3800 से ज्यादा गांवों का चयन कर वहां मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत कार्य करवाया जाएगा। देवस्थान विभाग एक सप्ताह में सभी चयनित गांवों और धार्मिक ट्रस्टों सूची मंत्रियों को उपलब्ध कराएगा। इस दौरान यह भी तय किया गया कि धार्मिक समन्वय ट्रस्ट की अगली बैठक विधानसभा सत्र के दौरान की जाएगी।
बैठक में देवस्थान विभाग के आयुक्त श्री जितेन्द्र कुमार उपाध्याय, जलदाय मंत्री के विशिष्ट सचिव श्री महेश शर्मा, उच्च शिक्षा मंत्री के विशिष्ट सचिव श्री श्रवणलाल बुनकर, ग्रामीण विकास विभाग के परियोजना निदेशक श्री अरूण सुराणा, जल ग्रहण विकास विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री सीएम तेजावत सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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