जेडीए को नहीं अतिक्रमण से परहेज

जयपुर। आम आदमी को अतिक्रमण न करने का सबक सिखाने वाले को खुद अतिक्रमण से परहेज नहीं है। अमानीशाह नाले में तोड़फोड़ की मुहिम चला रहे जेडीए ने सुमेल आवासीय योजना ही कानोता बांध की पाल पर बसा दी है। एक तरफ कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद नदी-नालों के बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं वहीं खुद जेडीए नियम-कायदों को दरकिनार कर बहाव क्षेत्र में कॉलोनी काट रहा है।

दरअसल पिछले दिनों एम्पावर्ड कमेटी ने कानोता बांध के निरीक्षण के दौरान गंदे पानी के रोकथाम के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही इसकी आवक का पता लगाने का फरमान भी दिया था। कमेटी के निर्देश पर हुई जांच में सामने आया कि सुमेल आवासीय योजना में बीएसयूपी प्रोजेक्ट के तहत गरीबों के मकान ही बहाव क्षेत्र में आ रहे हैं।

जानकारी मिलते ही सिंचाई विभाग ने जेडीए को सावचेत किया है कि योजना में बसाए गरीबों के मकानों की तहकीकात करवा ली जाए ताकि भविष्य में बड़ी दिक्कत नहीं हो। जेडीए को लिखे पत्र में सिंचाई विभाग ने उल्लेख किया है कि समुेल योजना की यह जमीन डूब क्षेत्र में है। जेडीए ने 1997-98 में सुमेल योजना में करीब एक हजार से ज्यादा भूखंड काटे गए हैं। हालांकि योजना का कुछ हिस्सा ही बांध के बहाव क्षेत्र में है। यहां जमीन या मकान आवंटित करने से लोगों को जानमाल का खतरा हो सकता है।

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