लोकतांत्रिक व्यवस्था में पत्रकारिता की भूमिका महत्वपूर्ण

बाड़मेर जिले के कर्मवीर पुस्तक का हुआ विमोचन

IMG_4332बाड़मेर, 05 नवंबर।
भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने में पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसीलिए लोकतंत्र में पत्रकारिता को चौथा स्तम्भ के रूप में जाना जाता है। हालांकि इसमंे कोई संदेह नहीं कि मौजूदा दौर मंे पत्रकारिता की गुणवत्ता मंे कमी आई है। मौजूदा दौर मंे पत्रकारांे के सामाजिक और व्यावसायिक उत्तरदायित्व भी बढ़ गए हैं। वरिष्ठ पत्रकार एवं बीबीसी संवाददाता नारायण बारहठ ने रविवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर धोरा धरती परिवार की ओर से आयोजित बाड़मेर के कर्मवीर पुस्तक के विमोचन के अवसर पर यह बात कही।

इस दौरान नारायण बारहठ ने कहा कि लोकतन्त्र की सफलता बहुत हद तक पत्रकारिता की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। समाज में जो हुआ, जो हो रहा है, जो होगा, और जो होना चाहिए यानी जिस परिवर्तन की जरूरत है, इन सब पर पत्रकार को नजर रखनी होती है। पत्रकारिता का उद्देश्य सच्ची घटनाओं पर प्रकाश डालना है, वास्तविकताओं को सामने लाना है। इसके बावजूद पत्रकारांे से आशा की जाती है कि वह इस तरह काम करे कि ‘बहुजन हिताय’ की भावना सिद्ध हो। उन्हांेने इस दौरान पत्रकारिता के इतिहास एवं विविध पहलूआंे पर विस्तार से प्रकाष डालते हुए बाड़मेर के कर्मवीर पुस्तक के लेखन की सराहना की।

कार्यक्रम में पूर्व राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि गोली ने अपने जीवनकाल में पत्रकारिता के साथ-साथ हर क्षेत्र में योगदान दिया है और आज जिस पुस्तक का विमोचन वो किताब जाति-धर्म से हटकर अलग है। और जिले भर के 57 कर्मवीरों को ढूढ निकाला जिन्होने किसी न किसी क्षैत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और ऐसे ओर भी कर्मवीर होगे जो इस किताब नही है लेकिन उनको अपने क्षैत्र में अपना कार्य निरन्तर जारी रखना चाहिए।

राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता कान्ति ठाकुर ने विमोचन कार्यक्रम में कहा कि मैने गोली के साथ सीमान्त क्षैत्र में काम किया हुआ है उन्होने पत्रकारिता के जरिये सीमा क्षैत्र मे प्रषासन का योगदान दिया है।
चंचल प्रागमठ के गादीपति शम्भुनाथ सैलानी, वरिष्ठ साहित्यकार आईदानसिह भाटी, वेदान्ता महाप्रबंधक अयोध्याप्रसाद गौड़, जेएसडब्लू के सीएसआर हैड विनोद विट्ठल ने अपने विचार व्यक्त किये।
अंत में सम्पादक शंकरलाल गोली ने अपने जीवन के बारे में बताते हुए पुस्तक से जुड़ी कई बातो को बताया और अतिथियों का आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन मुकेष पचौरी ने किया।
बाड़मेर जिले के 57 कर्मवीरों को जिन्होने आजादी के समय, युद्ध के समय, राजनीति, साहित्य, पत्रकारिता, कषीदाकारी, नृत्यकला, सामाजिक समाजसेवी, मे अपना योगदान दिया था।
कार्यक्रम में षिक्षाविद् कमलसिह महेचा, राज्यमंत्री असरफ अली, आजाद सिह राठौड़, पूर्व प्रधान शम्मा बानो, तेजदान चारण, राजेन्द्रसिह भीयाड़ सबलसिह भाटी, धर्मसिह भाटी, आदूराम मेघवाल, दिलीप पालीवाल, बलवंतसिह चौधरी अमृतकौर, दुर्गसिह राजपुरेाहित, मुकेष मथराणी, बलवंतसिह चौधरी, भागीरथ चौधरी, पुखराज गुप्ता, खुषालनाथ धीर, स्वरूपसिह खारा, जेठमल जैन, जगदीष खत्री पारसमल जैन, लक्ष्मण वडेरा, डॉ. शंकलाल जैन, डॉ. विमल सेठिया सहित सैकड़ो की तादाद में लोग मौजूद थे।

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