किसानों के दुख-दर्द हरेगा राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन

Aqua Y2 Pro_20171110_141426बीकानेर 10/11/ 17 । कश्मीर दौरे के बाद बीकानेर प्रवास पर पहुंचे राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बसवराज पाटिल ने कहा कि मुख्य पांच बिंदुओं के साथ हमारे आंदोलन की वरीयता किसानों के दुख दर्द दूर कर उनको समृद्घ बनाना है। पाटिल जिला इकाई द्वारा आनंद निकेतन में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे ।
। इस अवसर पर गिरिराज गुप्ता, नरेंद्र आर्य, परमानंद ओझा, दिनेश ओझा, सूरजमाल सिंह नीमराना सहित अनेक मौजूद थे। आर्य ने रासीसर मे हुए किसान सम्मेलन की जानकारी दी व बताया कि शनिवार को जयपुर; बज्जू; खाजूवाला में सम्मेलन होगा। पाटिल ने कहा कि 1918 में किसान यात्रा होगी। किसान सहित
देश के स्वाभिमान का जागृत होना बहुत जरुरी हो गया है। व्यवस्था परिवर्तन के व्यापक और दीर्घकालिन आंदोलन में हम ऐसे विषयों पर देश की जनता को जागरुक और संगठित करने का काम करते हैं जो देश के स्वाभिमान को जागृत करने के साथ-साथ व्यवस्था में बदलाव की दिशा में आगे बढऩे के लिए मार्ग प्रशस्त करते हों। इसके लिए तत्कालीन एवं दीर्घकालीन कार्यक्रमों का निर्माण करते हैं। पाटिल ने पत्रकारों को बताया कि जिन वर्तमान व्यवस्थाओं को लेकर कार्य किया जा रहा है उनमें ‘से नो टू चाइना, बी भारतीय बाय भारतीयÓ नाम से एक चालीस दिनों का अभियान चलाया जिसके अंतर्गत देश के 100 स्थानों पर रैलियां, गोष्ठियां और चीनी उत्पादों के दहन का कार्यक्रम, एग्जि कॉमनवेल्थ कार्यक्रम के तहत भारत सरकार पर दबाव डालने के लिए हस्ताक्षर अभियान, चुनाव सुधार, न्यायिक सुधार और पंचायतीराज में तीसरी सरकार का आंदोलन, भारत सरकार की आर्थिक नीतियों जैसे आरसीईपी और फ्री टे्रड एग्रिमेंट्स का विरोध, जम्मू कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली आवश्यक बने, नेताजी सुभाषचंद्र बोसके जीवन और मृत्यु के रहस्य को देश की जनता के सामने उजागर करने के लिए अलग-अलग प्रकार के आंदोलनात्मक एवं न्यायिक अभियान चलाए जा रहे हैं।
– मोहन थानवी

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