जैविक उत्पादों का उपयोग समय की जरूरतः संसदीय सचिव डॉ. मेघवाल

पशुपालक तकनीकों व जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण पर पशुपालकों का प्रशिक्षण शुरू

DSC_2429बीकानेर, 5 दिसम्बर। वेटरनरी विश्वविद्यालय में राज्य के 10 जिलों से आए कृषक-पशुपालकों का दैनिक पशुपालन तकनीकों, जैविक पशु उत्पादों का प्रमाणीकरण और उनके महत्व पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मंगलवार से शुरू हो गया। प्रशिक्षण वेटरनरी विश्वविद्यालय और कट्स संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जाता जा रहा है शिविर के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि जैविक कृषि और पशु उत्पाद व उपयोग हमारे स्वास्थ्य और निरोगी काया के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि पुरखों ने हमेशा जैविक उत्पादों का उपयोग किया और वे लम्बी आयु प्राप्त करते थे। वर्तमान में खान-पान के तौर -तरीकों में बदलाव से मानव जीवन में विभिन्न बीमारियों का प्रकोप बढ़ा है। उन्होंने कृषक व पशुपालकों का आह्वान किया कि वे जैविक उत्पादों की वैज्ञानिक जानकारी के साथ कार्य करेंगे। इससे उनकी आय में भी कई गुणा बढोतरी होगी। सत्र की अध्यक्षता करते हुए वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. त्रिभुवन शर्मा ने कहा कि जैविक पशु उत्पादों की तकनीकों और इनके उत्पादों का प्रमाणीकरण का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आपकी आय और जन स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। वेटरनरी विश्वविद्यालय में स्थापित विभाग जैविक पशुपालन तकनीकों के विकास और प्रशिक्षण का लाभ राज्य के कृषक व पशुपालकों तक पहुँचाने के लिए संकल्पबद्ध है। समारोह में विशिष्ट अतिथि राजुवास के वित्त नियंत्रक श्री अरविन्द बिश्नोई, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एस.सी. गोस्वामी और कुलसचिव प्रो. हेमन्त दाधीच ने भी संबोधित किया। राजुवास के जैविक पशुधन उत्पाद तकनीक केन्द्र के प्रमुख अन्वेषक डॉ. विजय बिश्नोई ने बताया कि प्रशिक्षण में राज्य के जोधपुर, जयपुर, झालावाड़, कोटा, चित्तैड़गढ़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, दौसा, सवाईमाधोपुर व उदयपुर जिलों से 104 किसान पशुपालक शामिल हैं जिसमें 20 महिलाएं हैं। कट्स इंटरनेशनल के सहायक निदेशक दीपक सक्सेना ने जैविक परियेाजना की जानकारी दी। वनशर्ट एशिया के संदीप भार्गव ने पशुपालन के जैविक प्रमाणीकरण के बारे में बताया। केन्द्र की प्रमुख प्रो. बसन्त बैस ने सभी का आभार जताया। इस अवसर पर अतिथियों ने जैविक पशुपालन पर प्रकाशित एक पुस्तिका का विमोचन किया। उद्घाटन सत्र में प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. ए.पी. सिंह, अनुसंधान निदेशक प्रो. आर.के. सिंह और क्लिनिक्स निदेशक प्रो. जे.एस. मेहता सहित फैकल्टी सदस्य भी मौजूद थे।
वेटरनरी कॉलेज में “स्पिरीट-2017“ का हुआ आगाज
खेलकूद से आपसी सद्भाव और अनुशासन की सीख मिलती हैः संसदीय सचिव डॉ. मेघवाल
बीकानेर, 5 दिसम्बर। वेटरनरी विश्वविद्यालय के इन्टर क्लास टूर्नामेन्ट का सप्ताह “स्पिरीट-2017“ मंगलवार से प्रारम्भ हो गया। राजस्थान सरकार के संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने बालीबॉल के उद्घाटन मैच में खिलाडियों का परिचय प्राप्त कर यू.जी. हॉस्टल मैदान में ’बॉल’ को शूट कर खेलकूद सप्ताह का शुभांरभ किया। इस अवसर पर डॉ. मेघवाल ने कहा कि खेल की भावना से खेलने वाले खिलाड़ी अपने जीवन में भी सफल रहते हैं। खेलकूद से आदमी सद्भाव, अनुशासन की सीख मिलती है। वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. त्रिभुवन शर्मा ने बताया कि इन खेलकूद प्रतियोगिताओं के आधार पर श्रेष्ठ खिलाड़ियों से विश्वविद्यालय टीम का गठन किया जाएगा जो राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित टूर्नामेन्ट में भाग लेगी। उद्घाटन सत्र का पहला फ्रेंडली मैच विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय स्टाफ के बीच खेला गया। इसमें वित्त नियंत्रक अरविन्द बिश्नोई सहित डॉ. प्रवीण बिश्नाई, डॉ. एस.के. झीरवाल, डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ सहित अन्य सहायक प्राध्यापकों ने अपनी खेल प्रतिभा का परिचय दिया। मंगलवार को वॉलीबॉल का पहला मुकाबला स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष और स्नातक अंतिम वर्ष की टीमों के बीच खेला गया। स्नातकोत्तर की टीम ने प्रतिद्वंदी टीम को शिकस्त देकर अगले राउण्ड में प्रवेश कर लिया। पहले दिन वॉलीबॉल के अन्य मुकाबलों में स्नातक चतुर्थ वर्ष ने द्वितीय वर्ष को ए.एच.डी.पी. प्रथम वर्ष ने स्नातक प्रथम वर्ष को, स्नातक तृतीय वर्ष ने ए.एच.डी.पी. द्वितीय वर्ष को हराया तथा छात्रा समूह में चतुर्थ वर्ष स्नातक ने तृतीय वर्ष को परास्त किया और स्नातक द्वितीय ने प्रथम वर्ष को हराकर अगले राउण्ड में प्रवेश किया। बास्केटबॉल महिला में स्नातक तृतीय वर्ष ने प्रथम वर्ष को हराकर अगले राउन्ड में पहुँच गई। महाविद्यालय के खेलकूद प्रभारी डॉ. प्रवीण पिलानियां ने बताया कि ’स्पिरीट-2017’ के तहत वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, फुटबॉल, क्रिकेट, लॉन टेनिस, कब्बडी, टेबल-टेनिस, बैडमिंटन, शतरंज और एथलीट के मुकाबले होंगे। उद्घाटन अवसर पर अधिष्ठाता प्रो. त्रिभुवन शर्मा, वित्त नियंत्रक अरविन्द बिश्नोई सहित विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर, फैकल्टी सदस्य और छात्र/छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
निदेषक
जनसम्पर्क प्रकोष्ठ

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